किसी ने कहा था कि विश्व के दौ सौ से अधिक देश एक कक्षा की तरह हैं। अमेरिका मॉनिटर है, और चीन अध्ययन का सदस्य है। लेकिन मॉनिटर हमेशा अध्ययन सदस्य से घृणा करता है। क्योंकि चीन की उपलब्धियां दिन-ब-दिन बेहतर हो रही हैं, और अन्य सहपाठी भी दिन-ब-दिन चीन का ज्यादा सम्मान करने लगे हैं। तो यह मॉनिटर डरता है कि किसी दिन में चीन अमेरिका से और आगे बढ़ाएगा। इसलिये इस मॉनिटर ने हाल ही में कुछ कुचेष्टाएं की हैं। उदाहरण के लिये कार्ल विनसन विमान वाहक पोत ने दक्षिण चीन सागर में प्रवेश किया। अमेरिका के तीन विमान वाहक पोत एक साथ एशिया में मौजूद हैं। थाड के कुछ उपकरण दक्षिण कोरिया में पहुंच चुके हैं। अमेरिका व दक्षिण कोरिया के संयुक्त सैन्याभ्यास ने कोरिया प्रायद्वीप में तनाव पैदा किया। उनके अलावा अमेरिका द्वारा जारी ताज़ा आंकड़ों के अनुसार वर्ष 2016 में चीन के प्रति अमेरिका का व्यापार घाटा 47 प्रतिशत तक पहुंचा, जिससे रोजगार में गिरावट हुई। लेकिन अमेरिका की सभी कुचेष्टाओं का लक्ष्य चीन है।
अमेरिका हमेशा सैन्य व आर्थिक आदि क्षेत्रों में चीन के लिए मुश्किलें पैदा करता है। वास्तव में उसे अपने रोग का इलाज करना चाहिये। उसके रोग में अभिमानी के तौर पर अन्य देशों का ख्याल न रखना, अन्य देशों के बेहतर पक्षों से घृणा करना, अपनी जिम्मेदारी न उठाना, और नवोदित आर्थिक समुदाय को दुश्मन मानना सबसे गंभीर है।
चंद्रिमा