तिब्बत स्वायत्त प्रदेश की राजधानी ल्हासा के उपनगर में स्थित सानयू गांव में रहने वाली महिला छूनी ने नये साल के पूर्व संध्या पर यह शुभकामना प्रकट की है कि नये साल में मेरे सभी बच्चे अच्छी तरह सीखेंगे और देश व समाज का जवाब दे देंगे ।
44 वर्षीय छूनी के घर में तीन बच्चे, एक मां और एक अपाहिज बहिन हैं । उनका जीवन मुश्किल है । गत वर्ष के जून महीने में सरकार की मदद में छूनी के परिवार को पहाड़ों में से रेल स्टेशन के पास स्थित सानयू गांव में स्थानांतरित किया गया । छूनी का नया घर एक दो-मंजिला इमारत है । छूनी ने गांव के रोपण कापरेटिव में भाग लिया जिससे उन्हें कई हजार की आय प्राप्त है । तीन बच्चों को सब स्कूल में निःशुल्क तौर पर भर्ती करवाया गया है ।
सानयू गांव का ऐसा नारा है यानी मकान, रोजगारी और स्वास्थ्य की प्राप्ति होना । सरकार ने 4 करोड़ 20 लाख युवान की पूंजी लगाकर 184 परिवारों को इस गांव में स्थानांतरित किया । गांववासियों को रोजगार कराने के लिए 1 करोड़ 90 लाख युवान की पूंजी लगाकर चिकन व गाय फार्म तथा रोपण कापरेटिव स्थापित किये । जिससे अधिकांश गांववासियों को रोजगार दिलाया गया । सरकार का लक्ष्य है कि पाँच सालों के भीतर सभी गांववासियों को खुशहाल बनाया जाएगा । स्थानांतरण के जरिये गरीबी उन्मूलन का लक्ष्य साकार करना तिब्बत स्वायत्त प्रदेश सरकार द्वारा गरीबी को मिटाने का नया कदम है ।
( हूमिन )