ली खछ्यांग ने कहा कि चीन फ्रांस के साथ मिलकर रणनीतिक ऊँचाई पर चीन-फ्रांस संबंध देखता है। संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के दो स्थाई सदस्यों के रूप में वर्तमान जटिल अंतरराष्ट्रीय राजनीतिक परिस्थिति में चीन और फ्रांस को गहन रूप से संपर्क और समन्वय मज़बूत करना चाहिए, विभिन्न क्षेत्रों में सहयोग गहराते हुए जोखिम और चुनौतियों का समान रूप से मुकाबला करना चाहिए।
ली खछ्यांग ने यह भी कही कि चीन फ्रांस के साथ द्विपक्षीय, विश्व के उन्मुख बड़े लाभ वाले सहयोग मज़बूत करने को तैयार है। मुख्य तौर पर परमाणू ऊर्जा से जुड़े औद्योगिक श्रृंखला वाले सहयोग को गहराते हुए एयरोस्पेस और विमानन के सहयोग का विस्तार करेंगे। जलवायु परिवर्तन के मुकाबले को गहराते हुए हरित उद्योगों के सहयोग को मज़बूत करेंगे। कृषि से जुड़े औद्योगिक श्रृंखला से जुड़े सहयोग के विकास पर विचार-विमर्श करेंगे। चिकित्सा व स्वास्थ्य और बुढ़ापा का मुकाबला जैसे नवोदित क्षेत्रों में सहयोग भी बढ़ाएंगे।
वहीं, काज़ेनेव ने कहा कि वर्तमान अंतरराष्ट्रीय परिस्थित में फ्रांस और चीन को द्विपक्षीय आवाजाही को अधिक घनिष्ठ बनाकर आपसी लाभ वाले सहयोग को गहराना चाहिए। फ्रांस राजनीति, अर्थतंत्र, व्यापार, निवेश, विज्ञान, तकनीक, कृषि, परमाणु ऊर्जा, पर्यावरण संरक्षण और शिक्षा जैसे क्षेत्रों में चीन के साथ सहयोग मज़बूत करने को तैयार है। इसके साथ ही फ्रांस युरोप-चीन संबंध के विकास को आगे बढ़ाने का प्रयास भी करना चाहता है।
वार्ता के बाद दोनों देशों के प्रधान मंत्री अर्थतंत्र, परमाणु ऊर्जा, विज्ञान, तकनीक और मानविकी आवाजाही जैसे क्षेत्रों में कई सहयोगी दस्तावेज़ों पर हस्ताक्षर के साक्षी बने।
(श्याओ थांग)