दक्षिण पाकिस्तान के एक धार्मिक स्थल में 16 फ़रवरी को एक आत्मघाती विस्फोट में कम से कम 74 लोगों की मौत हुई और अन्य 250 घायल हुए हैं। इस महीने पाकिस्तान में हुआ यह छठा आतंकी हमला है। पाक राष्ट्रपति ममनून हुसैन, प्रधानमंत्री नवाज शरीफ और पाक थल सेना के चीफ़ ऑफ़ स्टाफ़ ने हमलों की जबरदस्त निंदा की। पाक सेना ने जनता से संयम रखने की अपील की। साथ ही कहा कि उक्त हमलों का जवाब देगी।
इधर के दिनों में पाकिस्तान के विभिन्न जगहों पर निरंतर आतंकी हमले होते रहे हैं। लेकिन हमले की जगह अलग-अलग हैं और हमलों की जिम्मेदारी लेने वाले संगठन भी अलग-अलग हैं। जिनमें पाकिस्तान का तालिबान , जमात उल अहरार और आईएस आदि शामिल हैं। इससे जाहिर है कि पाकिस्तान में देश विदेश के आतंकी मौजूद हैं।
हालांकि पाक सेना द्वारा 2013 के अंत में जर्ब-ए-अज़ब सैन्य अभियान छेड़ने के बाद पाकिस्तान की सुरक्षा स्थिति बेहतर हुई है। लेकिन 2017 की शुरूआत में स्थिति बेहद ख़राब हो गई। पाकिस्तान में 2018 के आम चुनावों के चलते विभिन्न स्थलों, जातियों व धार्मिक शक्तियों के बीच संघर्ष तेज़ होने लगे हैं। पाकिस्तान में विभिन्न घरेलू आतंकी संगठन आतंकी घटनाओं पर ज़ोर देने लगे हैं। वहीं पड़ोसी देश अफगानिस्तान की सुरक्षा स्थिति भी ख़राब है, जबकि आईएस भी पाकिस्तान में प्रवेश करने की फिराक में हैं।
पाक सैन्य पक्ष के प्रवक्ता ने 16 फरवरी को स्पष्ट रूप से कहा कि हाल में पाकिस्तान में आतंकी कार्रवाइयां शत्रुओं और अफगानिस्तान में आतंकियों के आदेश पर की गयी हैं। पाकिस्तान तदनुरुप इस पर प्रतिक्रिया देगा।
(श्याओयांग)