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    रेशम मार्ग पर प्राचीन नगर Astrakhan
    2017-02-08 12:54:18 cri

    उत्तरी रेश्म मार्ग के अस्तित्व से घुमंतू चरवाहों को वोल्गा के निचले भाग में एक डेल्टा-क्षेत्र में घर बसाने की प्रेरणा मिली और उन्होंने मछलियां पकड़ने का धंधा शुरू कर लिया था। ऐसे में वे मछली जिलेटिन (fish gelatin) बनाने में माहिर हो गए। ज्ञात हो कि उस युग में फिश जिलेटिन एक बहुत मूल्यवान कच्चा माल था। रेश्म मार्ग से ये मछली जिलेटिन दूर-दूर जाकर दूसरे क्षेत्र पहुंचा। कहा जाता है कि रेश्म मार्ग पर स्थित Astrakhan सन् 8 वीं सदी के मध्य काल से तिजारती मालों का सब से बड़ा बाजार बनने लगा। इसके पश्चात चाहे 13वीं और 14वीं सदियों के गोल्डन साम्राज्य हो या 16वीं सदी के बाद Astrakhan साम्राज्य हो, उन्हें Tsarist रूस ने अभिभूत कर दिया। इसके बावजूद एशिया से शुरू होकर यूरोप के अन्दर जाने वाले इस रेश्म मार्ग की अहम भूमिका होती रही। Astrakhan रेश्म मार्ग पर एक व्यस्त एवं समृद्ध माल-ट्रांसपोटर बना और बना फारस एवं भारत से रूस एवं यूरोप जाने वाले मार्ग पर एक प्रमुख बाजार। Radmila Tarkova ने कहा कि कुछ साहित्य और चित्रकला की रचनाओं में उस समय के Astrakhan का चित्रण किया गया।

    ' जर्मनी के कवि पोलो.फ़्लेमिंग ने 17वीं सदी के शुरू में Astrakhan का दौरा किया था। उन्होंने अपनी एक कविता में इस प्राचीन नगर के बारे में लिखा—यद्यपि आप इतना महान नहीं, पर व्यापार ने आपको नामी बनाया और दूरदराज के लोगों को आप की जमीन पर लाया। उन्होंने अपनी दूसरी एक कविता में इस आशय की बात लिखी कि Astrakhan यूरोप एवं एशिया के संगम या पूर्व एवं पश्चिम के संगम पर अवस्थित होकर अपनी खास जगह एवं पहचान बनाई। ऐसे में वह किसी मायने में दुनिया का एक अद्भूत बंदरगाह हो गया। '

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