भारत ने 23 सितंबर को फ्रांस के साथ औपचारिक तौर पर फ्रांस से 36 राफेल लड़ाकू विमान खरीदने के अनुबंध पर हस्ताक्षर किए।
भारतीय रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर ने नई दिल्ली में यात्रा पर आए फ्रांसीसी रक्षा मंत्री जीन-वेस ले ड्रिआन के साथ हस्ताक्षर रस्म में भाग लेने के बाद कहा कि इस बार खरीदे गए राफेल लड़ाकू विमानों का प्रयोग सबसे प्रगतिशील मिसाइल प्रणाली में किया जाएगा और पुराने विमानों की जगह लेगा। इससे भारत की रक्षात्मक क्षमता तेज़ गति से बढ़ेगी।
रिपोर्ट के अनुसार पहली खेप के राफेल लड़ाकू विमानों को 2019 में भारत को दिया जाएगा, भावी 6 सालों में सभी विमानों की डिलिवरी की जाएगी।
फ्रांसीसी अख़बार"ले फ़िगारो"की रिपोर्ट के मुताबिक इस खेप के विमानों का मूल्य करीब 8 अरब युरो है, लेकिन यह राशि सरकार द्वारा निश्चित नहीं है।
बता दें कि भारत को राफेल लड़ाकू विमान बेचना फ्रांस सरकार की एक महत्वपूर्ण परियोजना है। इस वर्ष जनवरी में फ्रांसीसी राष्ट्रपति फ्रांस्वा ओलांद ने भारत में गणतंत्र दिवस के सैन्य परेड में भाग लिया। उसी समय भारत को राफेल लड़ाकू विमान बेचने की इच्छा व्यक्त की गई, लेकिन सौदे की राशि अत्यंत बड़ी होने के कारण भारत ने अंतिम निर्णय लेने में लम्बा समय लिया।
(श्याओ थांग)