कोलकाता स्थित चीनी कौंसल जनरल मा चेनवू ने 22 सितंबर को जाधवपुर विश्वविद्यालय में विशेष मेहमान के रूप में उभरते एशिया की पृष्ठभूमि में चीन-भारत संबंधों का भविष्य शीर्षक सेमिनार में भाग लिया। उन्होंने चीन-भारत संबंधों पर भाषण भी दिया।
मा चेनवू ने कहा कि उभरते एशिया की पृष्ठभूमि में चीन और भारत विश्व का फोकस व आशा बन रहे हैं। नये ऐतिहासिक दौर में विश्व शांति व विकास के विषय में चीन व भारत की भूमिका दिन ब दिन महत्वपूर्ण हो रही है। इसलिए दोनों पक्षों को वार्ता व आदान-प्रदान बढ़ाते हुए विभिन्न क्षेत्रों में आवाजाही बढ़ानी चाहिए। ब्रिक्स, शांगहाई सहयोग संगठन, जी-20 आदि ढांचों में सहयोग करना चाहिए।
मा चेनवू ने यह भी कहा कि चीन व भारत के बीच समान हित मतभेद से बड़े हैं। दोनों देशों के संबंधों की बड़ी निहित शक्ति है। उनका विचार है कि दोनों देशों को संपूर्ण हितों को ध्यान में रखकर भविष्य का ख्याल रखना चाहिए। चीन व भारत द्वारा सहयोग व वार्ता बढ़ाने की स्थिति में चीन-भारत संबंधों का स्थिर विकास होगा और विश्व के सबसे महत्वपूर्ण, सर्वश्रेष्ठ द्विपक्षीय संबंधों में से एक बनेंगे।
(मीनू)