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भारतीय व्यापारी सरफ़राज
अली सरफराज़ भी दिल्ली से है। उसके मंडप में लकड़ी से बनी नक्काशी वाली फर्निचर और चमड़े से बने वस्त्रों की प्रदर्शनी है। सरफराज़ ने कहा:"दो साल पूर्व मेरे दोस्त ने मुझसे एशिया-यूरोप एस्कपो का परिचय दिया और कहा कि यह एक बहुत शानदार मेला है। दो साल बाद, यानी इस वर्ष के मेले का पैमाना और बड़ा हो गया। यह मेरी दूसरी बार की भागीदारी है।"
सरफराज़ ने कहा कि एशिया-यूरोप एक्सपो से उसे अधिक व्यापारिक मौके मिले हैं। इसके साथ ही यह एक्सपो उसके बराबर दूसरे दक्षिण एशियाई व्यापारियों को और बड़ा मंच मुहैया करवाता है। उसने कहा:"इस एक्सपो से मेरा व्यापार में बढ़ोत्तरी आयी है। अधिक से अधिक लोगों ने मेरे उत्पादों के बारे में जाना है। मुझे लगता है कि उरुमचि बहुत अच्छा शहर है । यहां के लोग बहुत मित्रवत है और खाने की चीज़े भी बेहद स्वादिष्ट है। अगले एक्सपो में मैं जरूर भाग लेने आऊंगा।"
उल्लेखनीय बात यह है कि मौजूदा चीन-एशिया-यूरोप एक्सपो ने शिनच्यांग वेवुर स्वायत्त प्रदेश के कृषि विकास की योजना और पड़ोसी देशों के बाज़ार की मांग को जोड़कर 14 प्रदर्शनी मंडल स्थापित किए, जिनमें निवेश सहयोग मंडप, टेक्सटाइल वस्तु मंडप, कृषि उत्पाद मंडप, अंकूर वाइन मंडप, स्मार्ट जीवन मंडप और रत्न जेड मंडप आदि शामिल हैं।
शिनच्यांग वेवुर स्वायत्त प्रदेश भारत, पाकिस्तान, अफ़गानिस्तान, तजाकिस्तान और रूस जैसे 8 देशों को जोड़ता है। प्राचीन काल से ही शिनच्यांग पश्चिम के लिए चीन का द्वार खोलने की महत्वपूर्ण खिड़की है। शिनच्यांग की रीति रिवाज़ और लोगों का जीवन तरीका दक्षिण एशियाई रीति रिवाज़ों और जीवन तरीके से मिलता-जुलता है।
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