चीन में पाकिस्तानी राजदूत मसूद खालिद ने 12 सितंबर को ल्हासा में कहा कि पाकिस्तान और चीन का तिब्बत धार्मिक पर्यटन-सहयोग पर विशेष ध्यान दे सकते हैं। उनका कहना है कि धार्मिक संस्कृति और धार्मिक अवशेषों के क्षेत्र में दोनों पक्षों के पास समृद्ध संसाधन मौजूद हैं।
मसूद खालिद ने चीनी मीडिया के साथ संयुक्त साक्षात्कार में कहा कि यह उनकी पहली तिब्बत-यात्रा है और उन्हें यहां का सुहावना वातावरण, जीवन स्थिति और बुनियादी निर्माण बहुत अच्छा लगा है। उन्होंने कहा कि तिब्बती लोग बहुत अच्छे हैं। सुंदर दृश्य आसानी से देखे जा सकते हैं।
बताया जाता है कि तिब्बत के पर्यटन एवं संस्कृति आधारित तीसरे अंतर्राष्ट्रीय एक्सपो में शामिल उद्यम मुख्य रूप से नेपाल, भारत औऱ चीन के कई प्रांतों से आए हैं। पाकिस्तान के उद्यम ने इसमें भाग नहीं लिया। मसूद ने कहा कि अगर तिब्बत चाहता है, तो पाक व्यापारी जल्दी ही यहां आएंगे। तिब्बत आने के बाद मैंने देखा कि दोनों पक्षों के बीच सहयोग के बड़े अवसर मौजूद हैं।
मसूद ने कहा कि एक पट्टी एक मार्ग का निर्माण केवल चीन के लिये ही नहीं, बल्कि पाकिस्तान के लिये भी लाभदायक है। चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारा इसमें एक बहुत महत्वपूर्ण भाग है और पाकिस्तान इसमें शामिल होने के लिये तैयार है।
अंजली