जी20 के सदस्य देशों की अर्थव्यवस्था को देखा जाए, तो पता चलता कि सभी की आर्थिक वृद्धि में कुछ मुश्किलें सामने आई हैं। चीन के फ़ूडान विश्वविद्यालय के अर्थशास्त्र कॉलेज के प्रोफ़ेसर तिंगछून ने कहा कि विश्व अर्थव्यवस्था पुनरुत्थान की कमजोरी में पहुंच गयी। इसमें ढांचागत समस्या होने के साथ साथ कुछ अस्थाई व सामयिक तत्व भी शामिल हुए हैं।
इसको लेकर जी20 के हांगचो शिखर सम्मेलन में"नवोन्मेषी, उर्जित, अंतर्संबंधित और समावेशी विश्व अर्थव्यवस्था की स्थापना"का मुख्य विषय पेश किया गया। चीनी जन विश्वविद्यालय के छुङयांग वित्तीय अनुसंधान प्रतिष्ठान के प्रमुख वांग वन के ख्याल से यह मुख्य विषय तो चीन द्वारा विश्व आर्थिक पुनरुत्थान के लिये दिया गया एक उपाय है। क्योंकि वह वर्तमान में वैश्विक अर्थव्यवस्था के सामने मौजूद गतिरोध का समाधान अच्छी तरह से कर सकेगा।
चीनी आधुनिक अंतर्राष्ट्रीय संबंधों के अध्ययन संस्थान की अनुसंधानकर्ता छन फ़ंगईंग ने कहा कि मैक्रो आर्थिक नीति पर विभिन्न आर्थिक समुदायों के बीच मतभेद हैं, इससे जाहिर हुआ है कि उनके सामने भिन्न-भिन्न समस्याएं मौजूद हैं। यह मतभेद एक सामान्य स्थिति है, जो संकट के बाद पैदा हुई एक विशेष स्थिति है।
चंद्रिमा