वैश्विक अर्थव्यवस्था में चीन की भूमिका जी 20 सम्मेलन से और भी ज्यादा महत्वपूर्ण होने की उम्मीद आर्थिक जानकारों ने जतायी है। 'जी20 सम्मेलन में चीन का योगदान' पर पेइचिंग में आयोजित संगोष्ठी में बैंक ऑफ चायना की पूर्व उपाध्यक्षा चांग यान्लिग ने जी20 सम्मेलन को लेकर कई पहलुओं पर प्रकाश डाला।
उन्होंने कहा कि विश्व के सभी विकासशील और अविकसित देशों को चीन से बहुत उम्मीदें हैं। क्योंकि बीते तीस वर्षों में गरीबी उन्मुलन के लिए चीन ने अतूल्य कार्य किया है। गरीबी आज भी कई देशों की समस्या है। वैश्विक अर्थव्यवस्था कि रफ्तार कम होने से जी20 शिखर सम्मेलन पर पुरे विश्व की नज़र है। लोगों को लग रहा है कि चीन इस आर्थिक संकट से विश्व को उभारेगा और चीन भी अपना योगदान दे रहा हैं।
विश्व को अर्थ-व्यवस्थापन के साथ-साथ अब अर्थ-अभिशासन की जरूरत है, जिससे अर्थ-सहकारिकता का नया पर्व शुरू होने की बात चांग यान्लिग ने कही। आर्थिक नवोन्मेष (इनोवेशन) पर भी उन्होंने जोर दिया। इनोवेशन से लघु उद्यमियों को लाभ होगा। उनके उद्योग को विश्व से आर्थिक सुरक्षा मिलेगी। विश्व प्रसिद्ध बैंकों से उनके व्यवहार होंगे। इन्ही बातों को ध्यान में रखकर अर्थ-अभिशासन, सहकारिता, नवोन्मेष के मुद्दों पर जी20 और बी20 सम्मेलनों में चर्चा होगी। विश्व अर्थव्यवस्था को ग्लोबल विलेज का रूप मिला है, जिसमें समावेशी (इनक्लुझिव्ह) आर्थिक विकास पर हमें जोर देना होगा। इसलिए चीन से विश्व को कई उम्मीदें हैं, क्योंकि लंबे समय तक विकास दर डबल डिजिट में कायम रखने का हौसला चीन ने दिखाया है।
(टेकचंद)