यात्रा के दौरान प्रतिनिधि मंडल ने राजधानी सियोल के अलावा दक्षिण कोरिया में तिब्बत स्वायत्त प्रदेश के मित्रवत जिले ग्येओंग्नाम का दौरा भी किया और विभिन्न जगत के लोगों के साथ विचारों का आदान-प्रदान किया। प्रतिनिधि मंडल ने हाल के वर्षों में तिब्बत में अर्थतंत्र, समाज, पारिस्थितिकी और संस्कृति जैसे क्षेत्रों में प्राप्त प्रगतियों से अवगत कराया।
25 अगस्त की रात को प्रतिनिधि मंडल ने दक्षिण कोरिया स्थित चीनी दूतावास में"तिब्बत का अनुभव"शीर्षक गतिविधि चलाई, जिसमें करीब 40 सुन्दर थांगखा चित्रों का प्रदर्शन किया गया। ये थांगखा चित्र तिब्बत की रीतिरिवाज़, प्राकृतिक वातावरण, धर्म और संस्कृति जैसे क्षेत्रों से संबंधित हैं। गतिविधि में"तीसरे ध्रुव"नामक डाक्युमेंट्री फिल्म दिखाई गई।
प्रतिनिधि मंडल के अध्यक्ष, चीनी सामाजिक विज्ञान अकादमी के जाति-विज्ञान और मानव-विज्ञान अनुसंधान केंद्र के प्रधान वांग यानचोंग ने कहा कि चीन और दक्षिण कोरिया नज़दीकी पड़ोसी हैं। दोनों देशों की संस्कृति मिलती-जुलती है। विश्वास है कि प्रतिनिधि मंडल की मौजूदा यात्रा के माध्यम से दक्षिण कोरियाई नागरिक तिब्बत के बारे में अधिक जानकारी प्राप्त कर सकेंगे और तिब्बत के प्रति उनकी समझ और गहरी होगी।
वांग यानचोंग ने यह भी कहा कि तिब्बती संस्कृति चीनी राष्ट्र की संस्कृति का अभिन्न अंग है। तिब्बत का खुलापन चीन के खुलेपन का एक भाग भी है। तिब्बत ने स्पष्ट रुप से यह पेश किया कि दक्षिण एशिया के उन्मुख बड़े रास्ते का निर्माण किया जाएगा। यह"एक पट्टी एक मार्ग"के निर्माण का एक भाग भी है। विश्वास है कि मौजूदा यात्रा से लोग तिब्बत के बारे में अधिक जानकारी हासिल कर सकेंगे।
(श्याओ थांग)