उन्होंने कहा कि जी-20 के हांगचो शिखर सम्मेलन की कार्यसूची के अनुसार चीन ने विभिन्न सदस्य देशों के सुझावों को पूर्ण रूप से सुना और उनके, यहां तक कि पूरी दुनिया की मुख्य चिन्ताओं को इकट्ठा किया। विश्व अर्थव्यवस्था में अनिश्चितता और कमज़ोर चल-शक्ति होने की स्थिति में चीन और अमेरिका को और बड़ी भूमिका निभानी चाहिए, ताकि जी-20 शिखर सम्मेलन में रचनात्मक परिणाम प्राप्त करने को बढ़ावा दिया जा सके। ये चीन और अमेरिका की अनिवार्य जिम्मेदारी है। हम इसपर अच्छा संपर्क कायम रखते हैं।
बताया जाता है कि जी-20 शिखर सम्मेलन के दौरान चीनी राष्ट्राध्यक्ष शी चिनफिंग और अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा के साथ मुलाकात करेंगे। अन्तरराष्ट्रीय समुदाय की निगाहें इसपर लगी हुई हैं। इसकी चर्चा में छुए थ्येनखाई ने कहा कि पिछले कुछ वर्षों में चीन और अमेरिका के सर्वोच्च नेताओं ने कई बार रणनीतिक भेंट वार्ताएं कीं हैं, जिनका सक्रिय और महत्वपूर्ण प्रभाव पड़ा और द्विपक्षीय संबंधों के विकास, सहयोग के विस्तार और मतभेदों पर नियंत्रण में नेतृत्वकारी भूमिका निभाई गई है। विश्वास है कि इस बार की मुलाकात का भी महत्वपूर्ण असर पड़ेगा।
छुए थ्येनखाई ने कहा कि 40 से अधिक वर्ष पहले चीन-अमेरिका संयुक्त विज्ञप्ति की वार्ता हांगचो में हुई। अब जी-20 शिखर सम्मेलन और चीन-अमेरिका के नेताओं के बीच मुलाकात फिर एक बार हांगचो में आयोजित होगी। इतिहास भविष्य में चीन-अमेरिका संबंधों के विकास की दिशा बताएगा। तथ्यों से ज़ाहिर है कि चीन और अमेरिका को सहयोग करना पड़ता है और साझेदारी कायम रखना पड़ता है।
भूमंडलीकरण की चर्चा में छुए थ्येनखाई ने कहा कि वैश्वीकरण से विकास के बहुत से अवसर सामने आए, लेकिन विभिन्न देशों को इससे पैदा चुनौतियों पर भी ध्यान देना चाहिए, ताकि सभी देशों और लोगों को इसका लाभ मिल सके। यह जी-20 हांगचो शिखर सम्मेलन का विषय भी है।
(ललिता)