अमेरिकी राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार सुजैन राइस ने 24 जुलाई को पेइचिंग पहुँचकर चीन की यात्रा शुरू की। चीनी विदेश मंत्रालय ने कहा कि दोनों पक्ष चीन-अमेरिका संबंधों, जी-20 नेताओं के हांगचो शिखर सम्मेलन और अन्य आम चिंता के विषयों पर विचार-विमर्श करेंगे।
सुसैन राइस ओबामा की कोर स्टाफ हैं। माना जाता है कि वाशिंगटन विदेश नीतियों पर उनका प्रभाव विदेश मंत्री जॉन केरी से भी ज्यादा है। विशेषज्ञों का मानना है कि राइस की इस यात्रा के कई उद्देश्य हैं। वे पहले दक्षिण चीन सागर पर मध्यस्थता मामले के बाद नई स्थिति को लेकर चीन के साथ बातचीत करेंगी। इसके अलावा दोनों पक्षों की राजनयिक टीमें जी-20 हांगचो शिखर सम्मेलन के दौरान चीन और अमेरिका के प्रमुखों की मुलाकात संबंधित व्यवस्थाओं को सुनिश्चित करेंगी।
गौरतलब है कि कुछ समय पहले फिलीपींस द्वारा उठाए एकतरफा तथाकथित दक्षिण चीन सागर मध्यस्थता मामले के अंतिम फैसला सुनाया गया है। विशेषज्ञों का विश्लेषण है कि इसके फौरन बाद राइस की चीन यात्रा के दौरान अमेरिका पहले दक्षिण चीन सागर मुद्दे पर चीन के साथ चर्चा करेगा। राइस ने अपनी चीन यात्रा के पहले मीडिया से कहा कि अमेरिका दक्षिण चीन सागर में क्रूज और कार्रवाई करता रहेगा। इसलिए विशेषज्ञों का मानना है कि दक्षिण चीन सागर समस्या लंबे समय तक चीन और अमेरिका के बीच अंतर्विरोध का केंद्र रहेगी।
(नीलम)