अमेरिकी विदेश मंत्रालय के भूतपूर्व कानूनी सलाहकार अब्राहम सोफील ने 26 जून को कहा कि फिलिपिन्स ने कुछ देशों की मदद से एक तरफा तौर पर दक्षिण चीन सागर के सवाल को अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय के समक्ष मामला उठाया है जिससे न सिर्फ संबंधित पक्षों के हितों को नुकसान पहुंचा है, बल्कि अंतर्राष्ट्रीय कानून को भी ठेस लगी है।
सोफील ने होलैंड के हेग में आयोजित एक संगोष्ठी में यह सुझाव पेश किया कि अमेरिका, चीन द्वारा प्रस्तुत सही दिशा में वापस लौटकर फिलिपिन्स को वार्ता में भाग लेने के लिए समझाएगा ।
78 वर्षीय सोफील ने वर्ष 1985 से 1990 तक अमेरिकी विदेश मंत्रालय में कानूनी सलाहकार का पद सँभाला था । वर्तमान में वो अमेरिका के स्टैनफोर्ड विश्वविद्यालय के हूवर इंस्टीट्यूशन के वरिष्ठ रिसर्च फैलो हैं।
सोफील ने कहा कि चीन ने कदम ब कदम अपने अधिकांश पड़ोसी देशों के साथ थल सीमाएं रेखांकित करने में सफलता पायी है। दक्षिण चीन सागर में पक्षकारों के आचरण पर घोषणा के मुताबिक मुठभेड़ों का समाधान करने की भी संभावना मौजूद है । लेकिन फिलिपिन्स ने जाने-अनजाने में अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय के समक्ष मामला उठाया और चीन को अपना रुख बदलने के लिए दबाव बनाना चाहा। यह उसकी इच्छाधारी सोच है ।
सोफील ने कहा कि प्रभुत्व संपन्न देशों को जबरन वैधानिक मध्यस्थता में धकेल देने से अंतरराष्ट्रीय कानून को कमजोर किया जाएगा ।
( हूमिन )