सऊदी अरब की राजकीय तेल कंपनी—सऊदी अरामको ने हाल ही में अपनी वार्षिक रिपोर्ट में कहा कि पिछले साल उसने एशियाई देशों को तेल का जो निर्यात किया, वह उसके कुल निर्यात का 65 प्रतिशत है। इन देशों में चीन, भारत, जापान, दक्षिण कोरिया और फिलिपींस शामिल है।
रिपोर्ट के अनुसार पिछले साल अमेरिका में Shale oil समेत पेट्रोल-तेल के उत्पादन में इजाफ़ा हुआ तो है, लेकिन उसने फिर भी सऊदी अरब से प्रतिदिन 10 लाख बैरलों के कच्चे तेल का आयात किया।
2015 में सऊदी अरब में 3 नए बड़े तेल-क्षेत्र एवं 2 नए प्राकृतिक गैस-क्षेत्र पाए गए, जिससे उसका कच्चे तेल का भंडार 2 खरब 61 अरब 10 करोड़ बैरलों पर बना रहा और प्राकृतिक गैस के भंडार में 2970 खरब घनफीट की वृद्धि हुई।
सऊदी अरब के तेल मंत्री और सऊदी अरामको के बोर्ड-अध्यक्ष Khalid al-Falih ने कहा कि यद्यपि तेल के दाम में भारी गिरावट आई है, लेकिन विश्व में सब से बड़े तेल-निर्यातक के नाते सऊदी अरब अपने तेल-उत्पादन को बन्द करने के जरिए तेल के दाम को सहारा देने की सोच नहीं करेगा, च्योंकि ऐसा करने से सऊदी अरब वैश्विक तेल-बाजार में अपने हिस्से को खोएगा, जिसे पाने के लिए दूसरे तेल उत्पादक देश पूरी तरह से संघर्ष कर रहे हैं।