28 मई को पाकिस्तान के अधिकारियों ने बताया कि उन्होंने अपने दो अधिकारियों को अफगान तालिबान प्रमुख मुल्ला अख्तर मंसूर की मदद करने के आरोप में गिरफ्तार किया है। इन अधिकारियों के पास से मंसूर की दूसरी बीवी और बच्चों के नकली पाकिस्तानी आईडी कार्ड भी जब्त किये गए हैं।
मंसूर जो कि पाकिस्तान में वली मोहम्मद के नाम से रहता था। वो 21 मई को बलोचिस्तान प्रांत में अमेरिकी ड्रोन हमले में मारा गया।
इस हमले के स्थल से एक नकली आईडी कार्ड और पासपोर्ट बरामद हुआ है जिसमें मरने वाले का नाम वली मोहम्मद और उसकी रिहाइश कराची बताई गई थी।
गृह मंत्रालय के प्रवक्ता ने बताया कि एक आरोपी अज़ीज़ अहमद जो कि बलोचिस्तान की सेना में काम करता था, उसने वली मोहम्मद का कार्ड बनाने में 2001 में मदद की थी। वहीं रिपात इकबाल जो नेशनल डेटाबेस एंड रजिस्ट्रेशन अथॉरिटी में काम करता है, उसने वली मोहम्मद की बीवी बच्चों को नकली पाकिस्तानी आईडी कार्ड मुहैया कराने में मदद की थी।
इकबाल नाडरा के कराची कार्यालय में काम करता था और अमेरिकी ड्रोन हमले में तालीबान प्रमुख के मारे जाने के बाद से ही भूमिगत था। साथ ही प्रवक्ता ने बताया कि इस मामले में जो भी शामिल होंगे उन्हें बख्शा नहीं जाएगा।
वहीं पाकिस्तानी अधिकारियों ने रफीक तरीन नाम के एक और अधिकारी को गिरफ्तार किय है जिसने वली मोहम्मद के आईडी कार्ड को प्रमाणित किया था।
हाफ़िज़ ताहिर जो बलोचिस्तान के चमन में डिप्टी कमिश्नर के पद पर तैनात है उसे गृह मंत्रालय ने पूछताछ क लिये तलब किया है।
आईडी कार्ड से ज़ाहिर होता है कि वली मोहम्मद पहले चमन इलाके के किला अब्दुल्लाह ज़िले में रहता था बाद में वो कराची चला गया जहां पर उसने एक मकान भी खरीदा था।
पंकज श्रीवास्तव