69वां विश्व स्वास्थ्य सम्मेलन 28 मई को जेनेवा में संपन्न हुआ। इसमें विश्व स्वास्थ्य संगठन के आपात-प्रबधन-कार्य में सुधार संबंधी कई अहम कदमों को मंजूरी दे दी गई, जिनमें स्वास्थ्य संबंधी आकस्मिक घटनाओं से निपटने वाली योजना, बुजुर्ग होती आबादी, वायु-प्रदूषण, मां-शिशुओं, किशोरों एवं नौजवानों के स्वास्थ्य के लिए प्रस्ताव या निर्णय आदि विषय शामिल हैं।
सम्मेलन में पारित स्वास्थ्य संबंधी आकस्मिक घटनाओं से निपटने वाली योजना के अनुसार आकस्मिक घटनाओं के दौरान संबद्ध देशों एवं सामुदायिक क्षेत्रों को जल्द ही विश्वसनीय एवं सर्वांगीण समर्थन दिया जाएगा, एकीकृत आपात राहत दलों, बजट, योजना एवं प्रक्रिया तथा स्पष्ट नेतृत्व के जरिए बीमारियों के बड़े पैमाने पर फैलने और प्राकृतिक एवं कृत्रिम आपदाओं के उत्पन्न होने पर काबू पाने में मदद दी जाएगी।
विश्व स्वास्थ्य संगठन की महानिदेशक श्रीमती मार्गरेट छन ने सम्मेलन के समापन-समारोह में भाषण देते हुए कहा कि नई योजना से प्रबल राजनीतिक संदेश मिला है कि वैश्विक स्वास्थ्य मामलों में व्यापक कानूनी महत्व रखने वाले संगठन के रूप में विश्व स्वास्थ्य संगठन पूरी दुनिया में स्वास्थ्य से जुड़ी आकस्मिक घटनाओं के निपटान में नेतृत्वकारी भूमिका अदा करेगा।
सम्मेलन में उपस्थितों ने एक सी राय व्यक्त की कि ' अंतर्राष्ट्रीय स्वास्थ्य नियम ' में निर्धारित केंद्रीय शक्ति के निर्माण को बल देना वर्तमान समय का एक बड़ा जरूरी काम है। उन्होंने विश्व स्वास्थ्य संगठन से ' अंतर्राष्ट्रीय स्वास्थ्य नियम ' के क्रियान्वयन के लिए पृथ्वीव्यापी कार्य-योजना बनाने की अपील की।
सम्मेलन में विश्व स्वास्थ्य संगठन के सदस्यों के प्रतिनिधियों ने इस बात को भी स्वीकृति दी कि 2016 और 2017 में स्वास्थ्य संबंधी आकस्मिक घटनाओं के निपटारे वाली योजना के लिए 49 करोड़ 40 लाख अमेरिकी डॉलर का अनुदान किया जाएगा, जो विश्व स्वास्थ्य संगठन की पूर्व घोषित बजट से 16 करोड़ डॉलर अधिक है।
विश्व स्वास्थ्य सम्मेलन विश्व स्वास्थ्य सगंठन की सर्वोच्च नीति-निर्णयक संस्था है।