3 मई को चीन और नेपाल की सीमा पर स्थित चीलूंग बंदरगाह के ज़रिये प्रथम अंतरराष्ट्रीय माल परिवहन लाइन खोली गई। चीन के तिब्बत स्वायत्त प्रदेश से दक्षिण एशिया की ओर जाने वाला भूमि, हवाई, मार्ग और रेल संयुक्त परिवहन करने का मार्ग इस तरह प्रशस्त होता जा रहा है।
कस्टम स्टाफ ने कहा,"अभी इस गाड़ी की जांच कर ली है , इसे बन्द कर दो। अगले द्वार पर वह सही तौर पर निकलेगा। इस बंदरगाह से चेक करवाने में दो दिन चाहिये।"कस्टम स्टाफ ने अभी 86 मानक कंटेनरों में लदे मालों का निरीक्षण किया है। इनमें पूर्वी चीन के च-च्यांग प्रांत और क्वांगचाओ शहर आदि क्षेत्रों से उत्पादित कपड़े, जूते और छोटे घरेलू उपकरण शामिल हैं। यह माल पहली बार संयुक्त परिवहन के जरिये छींगहाई-तिब्बत रेल मार्ग के माध्यम से तिब्बत तक पहुंचाया गया है, और फिर चीलूंग बंदरगाह से नेपाल की राजधानी काठमांडू में पहुंचाया जाएगा। यह चीन और दक्षिण एशिया के बीच खोली गई पहली अंतरराष्ट्रीय माल परिवहन लाइन है।
तिब्बत के चिगाज़े शहर के मेयर ल्यू हू शान ने कहा, "गत वर्ष भूकंप आने के बाद हमारे यहां चीलूंग बंदरगाह में सभी कामकाज की बहाली जल्द ही की गयी है। अब हम चांगमू बंदरगाह में कार्य फिर से शुरु करने की कोशिश कर रहे हैं।"
चीलूंग बंदरगाह तिब्बत के चिगाज़े शहर में स्थित है जो इतिहास में भी तिब्बत और नेपाल के बीच एक महत्वपूर्ण बंदरगाह था। वर्ष 2014 में इसे फिर से खोला गया है। तिब्बत स्वायत्त प्रदेश के व्यापार विभाग के बंदरगाह कार्यालय के प्रधान ली चाओ पींग के अनुसार बीते पाँच वर्षों में तिब्बत स्वायत्त प्रदेश की सरकार ने बंदरगाह निर्माण के पूंजीनिवेश के आधे भाग को चीलूंग के निर्माण में डाला है।
उन्होंने कहा,"चीलूंग बंदरगाह विदेशों के लिए खुलने वाला सबसे महत्वपूर्ण बंदरगाह है। यहां अंतर्राष्ट्रीय बंदरगाह बनाने की सभी शर्तें उपलब्ध हो चुकी हैं। हमारा लक्ष्य है कि 13वीं पंचवर्षीय योजना के अंत तक चीलूंग बंदरगाह के जरिये आयात-निर्यात की राशि दो अरब अमेरिकी डॉलर तक पहुंचेगी।"
चीलूंग बंदरगाह के खोलने से कुछ रसद कंपनियों और सीमा शुल्क निकासी कारोबारों को आकर्षित किया गया है। तिब्बती मैनेजर गूंगा वांगमू भी चीलूंग बंदरगाह में सीमा शुल्क निकासी का काम करने लगते हैं। एक साल पहले यहां केवल उनकी कंपनी थी, लेकिन आज यहां तीस ऐसी कंपनियां चालू हो चुकी हैं।
उन्होंने कहा ,"आज यहां तीस कंपनियां खोली गयी हैं । उनके बीच भी प्रतिस्पर्धा हो रही है। यह अच्छा है, क्योंकि गाड़ियां अधिक हैं, नेपाल से यहां माल पहुंचाने वाले व्यापारी भी अधिक हैं। एक महीने के लिए करीब बीस गाड़ियों को पास कर सकेंगे। हमें एक साल में कई लाख युवान का मुनाफ़ा मिलेगा।"
पिछले दो वर्षों में चीलूंग बंदरगाह में कस्टम्स गोदाम, कार्गो निरीक्षण संयंत्र और संगरोध निरीक्षण, मेडिकल केन्द्र भी निर्मित किये गये हैं। बंदरगाह में सभी कामकाज उपलब्ध होने से भविष्य में यहां एक सीमांत आर्थिक क्षेत्र के निर्माण के लिए मज़बूत नींव डाली जाएगी।
तिब्बत स्वायत्त प्रदेश के व्यापार विभाग के बंदरगाह कार्यालय के प्रधान ली चाओ पींग ने कहा,"आजकल हम चिगाज़े शहर के साथ सीमांत आर्थिक क्षेत्र की रूपरेखा बना रहे हैं। वास्तव में इसका ड्राफ्ट पूरा हो चुका है। तिब्बत स्वायत्त प्रदेश के व्यापार विभाग और चीनी विकास बैंक की तिब्बती शाखा ने दक्षिण एशिया की ओर द्वार खुलने वाले बंदरगाह के बारे में रूपरेखा का अनुसंधान सम्पन्न किया है। इसे जल्द ही प्रकाशित किया जाएगा। हमें विश्वास है कि इस वर्ष के भीतर ही चीलूंग बंदरगाह को अंतर्राष्ट्रीय बंदरगाह के रूप में खोला जाएगा।"
केंद्र के छठवें तिब्बत कार्य सम्मेलन में यह फैसला लिया गया है कि तिब्बत में दक्षिण एशिया की ओर द्वार खुलने के मुख्य रास्ते निर्मित किये जाएंगे। तिब्बत स्वायत्त प्रदेश की सरकार के अध्यक्ष लोसांग च्यांगछ्वन ने कहा कि 13वीं पंचवर्षीय योजना के दौरान तिब्बत में राज मार्ग, रेल मार्ग और हवाई उड्डयन जैसे परिवहन नेटवर्क के निर्माण पर ज़ोर लगाया जाएगा। इसके साथ ही परिवहन नेटवर्क को और अधिक सक्षम बनाया जाएगा।
उन्होंने कहा,"आज हम दक्षिण एशिया की ओर द्वार खोलेंगे और हम अपने रेल मार्ग को चिगाज़े से नेपाल की सीमा तक निर्मित करेंगे। बाद में हम नेपाल की राजधानी तक इसका विस्तार करेंगे। भूमि के सिवाए वायु परिवहन का विकास भी किया जाएगा। तिब्बत ने नेपाल के साथ सहयोग करके एक हिमालय एयरलाइंस स्थापित किया है। भविष्य में यूरोपीय पर्यटक नेपाल से चालीस मिनट के समय में तिब्बत की राजधानी ल्हासा पहुंच सकेंगे।"
( हूमिन )