वर्ष 2015 के पूर्वार्द्ध में चीन के देशव्यापी ई-कॉमर्स की राशि बीस खरब युवान तक जा पहुंची है जो चीन के समग्र विदेशी व्यापार का 17.3 प्रतिशत बनता है। इससे यह जाहिर है कि इंटरनेट के प्रयोग से विदेश व्यापार को बहुत बढ़ावा मिला है।
चीनी वैदेशिक व्यापार कालेज के प्रोफेसर वांग चैन ने कहा कि देशव्यापी ई-कॉमर्स के कारण ही विदेशी व्यापार में क्रांति हुई है। क्योंकि इंटरनेट से विदेश व्यापार के लिए नया मार्ग और नया प्लेटफार्म तैयार हुआ है। जिससे परंपरागत विदेशी व्यापार में मौजूदा परिसीमन को तोड़ा जा सका। चीनी राज्य परिषद ने वर्ष 2015 के जुलाई माह में "इंटरनेट प्लस" की रणनीति प्रस्तुत की जिसका उद्देश्य इंटरनेट के माध्यम से विभिन्न परंपरागत उद्योगों के विकास को एक नये स्तर पर पहुंचाया जाएगा। आर्थिक विकास के नये क्षेत्र इस तरह नज़र आते रहे हैं।
आजकल चीन के मशहूर ई-कॉमर्स कारोबारों ने अपनी सेवाओं को चालीस से अधिक देशों और क्षेत्रों में दाखिल कराया है। चीनी कारोबार अमेजॉन जैसे जाने-माने अंतर्राष्ट्रीय व्यापार दिग्गजों के साथ-साथ साझेदार संबंध कायम कर चुके हैं। कुछ चीनी ई-कॉमर्स कारोबारों की विदेशों में अपनी भंडारण-रसद प्रणालियों की स्थापना भी हो चुकी है। इनके सहारे हजारों किस्म के चीनी उत्पादों को एक हफ्ते के भीतर ही विदेशी उपभोक्ताओं तक पहुंचाया जा सकता है।
चीनी वाणिज्य मंत्रालय की भविष्यवाणी है कि वर्ष 2016 में चीन के देशव्यापी ई-कॉमर्स की राशि 65 खरब युवान तक जा पहुंचेगी। ई-कॉमर्स व्यापार देश के समग्र विदेशी व्यापार का 20 प्रतिशत रहेगा ।
( हूमिन )