ब्रिटेन और यूरोप में संबंधित व्यक्तियों ने कहा कि शी चिनफिंग के कथन में चीन-ब्रिटेन संबंधों का स्थान और आउटलुक प्ररेणादायक है। विश्वास है कि चीन-ब्रिटेन संबंधों के विकास में ऐतिहासिक अवसर मिलेगा। दोनों देशों के बीच आर्थिक, व्यापारिक, बैंकिंग और मानविकी सहयोग और गहरे होंगे साथ ही इनका विस्तार होगा। उन्नत हो रहे चीन-ब्रिटेन संबंधों से चीन-यूरोप संबंध भी आगे बढ़ेंगे।
लंदन फाइनेंशियल शहर की नीति और संसाधन समिति के अध्यक्ष मार्क बोलेट ने कहा कि पिछले वर्षों में ब्रिटेन और चीन ने बैंकिंग क्षेत्र में सहयोग जबरदस्त है। आशा है कि लंदन फाइनेंशियल शहर के विभिन्न क्षेत्रों में चीन निवेश मज़बूत करेगा।
लंदन विश्वविद्यालय में शाह कॉलेज के यूरोप और अंतरराष्ट्रीय अनुसंधान विभाग के प्रोफेसर रमोन पचेडो पार्डो ने कहा कि चीन और ब्रिटेन के बीच अर्थव्यवस्था में एक दूसरे की पूरक हैं। चीनी मुद्रा आरएमबी की अंतरराष्ट्रीकरण योजना और लंदन के वैश्विक बैंकिंग केंद्र बनने वाली नीति से मेल खाता है। भविष्य में दोनों देशों के बीच आर्थिक आवाजाही और मज़बूत होगी।
चीन और ब्रिटेन परमाणु बिजली, हाई स्पीड रेलवे जैसे क्षेत्रों में सहयोग पर लोगों का ध्यान भी केंद्रित हुआ। शी चिनफिंग ने बल देते हुए कहा कि चीन ब्रिटेन समेत विभिन्न देशों के साथ बहु तरीके अंतरराष्ट्रीय उत्पादन क्षमता और साजो सामान निर्माण का सहयोग करने को तैयार है। ताकि आपस में एक दूसरे की श्रेष्ठता को जोड़ते हुए साथ साथ विकास किया जा सके।
इसकी चर्चा करते हुए प्रोफेसर रमोन पचेडो पार्डो ने कहा कि चीन और ब्रिटेन के रणनीतिक सहयोगी साझेदार बनने के बाद द्विपक्षीय संबंधों का चतुर्मुखी तौर पर विकास हो रहा है। दोनों देशों के बीच संपर्क और सहयोग के तरीके भी विविधतापूर्ण हो रहे हैं। चीनियों के प्रति ब्रिटिश लोगों की समझ बढ़ी है और चीन के साथ सहयोग की अधिक मान्यता प्राप्त हुई है।
यूरोपीय थिंकटैंक के अधीन "यूरोपीय मित्र" नीति के प्रबंधक शदा इस्लाम के विचार में यूरोप अंतरराष्ट्रीय और क्षेत्रीय मंच पर चीन की रणनीतिक भूमिका की अधिक से अधिक मान्यता देता है। यूरोप-चीन संबंध गहरे, अपरिहार्य और एक दूसरे की मांग वाले आधार पर स्थापित हुआ। ब्रिटेन और यूरोप में विश्व में अग्रिम आर्थिक समुदाय के रूप में चीन के व्यापार और निवेश की आवश्यकता है। इससे समान विकास साकार हो सकेगा। (श्याओ थांग)