ब्रिटिश महारानी एलिजाबेथ द्वितीय के निमंत्रण पर चीनी राष्ट्राध्यक्ष शी चिनफिंग 19 से 23 अक्तूबर तक ब्रिटेन की राजकीय यात्रा करेंगे। परमाणु बिजली, हाई स्पीड रेल और वित्त आदि से जुड़े सहयोग परियोजना यात्रा का मुख्य विषय हैं, और इस पर लोगों का ध्यान केन्द्रित हुआ है।
पिछले महीने चीन के दौरे पर आए ब्रिटिश वित्त मंत्री जोर्ज ओसबोर्न ने घोषणा की कि ब्रिटिश सरकार चीनी उद्यमों को 2 अरब पाउंड की गारंटी देगी, जिसका उद्देश्य हिन्कली पॉइन्ट सी परमाणु बिजली संयंत्र के निर्माण में चीनी उद्यमों की हिस्सेदारी का स्वागत करना है। ओसबोर्न ने आशा जताई कि इस कदम से परमाणु बिजली में ब्रिटेन और चीन के बीच सहयोग का द्वार खुलेगा।
इस सहयोग परियोजना के भविष्य की चर्चा में बर्मिंघम विश्वविद्यालय के ऊर्जा अनुसंधान संस्थान के प्रमुख, परमाणु भौतिकविद् डॉक्टर मार्टिन फ्लायर ने कहा कि यूरोपीय संघ ने विभिन्न सदस्य देशों को वर्ष 2030 तक कार्बन उत्सर्जन वर्ष 1990 से 40 प्रतिशत कम करने का लक्ष्य बनाया। इसे प्राप्त करने के लिए ब्रिटेन को नागरिक परमाणु ऊर्जा समेत साफ ऊर्जा का तेज विकास करने की आवश्यकता है। हिन्कली पॉइन्ट सी परमाणु बिजली संयंत्र के निर्माण के लिए 25 अरब पाउंड की जरूरत है, इसलिए इसमें विदेशी निवेश को आकर्षित करना चाहिए।
फ्लायर ने कहा कि चीनी उपक्रमों के लिए यह एक अच्छा मौका है। इस परियोजना में हिस्सा लेने के जरिए चीनी उद्यम ब्रिटेन में परमाणु बिजली के विकास की स्थिति से परिचित होंगे।
परमाणु बिजली के अलावा, ब्रिटिश वित्त मंत्री जोर्ज ओसबोर्न ने हाई स्पीट रेल परियोजना के बिड में चीनी उपक्रमों का स्वागत भी किया। उन्होंने कहा कि हाई स्पीट रेल नम्बर 2 परियोजना का निर्माण वर्ष 2017 में शुरू होगा। इससे मैनचेस्टर और लिवरपूल आदि ब्रिटेन के उत्तरी इलाके स्थित शहरों को जोड़ा जाएगा। हाई स्पीड रेल और अन्य बुनियादी संस्थापनों का निर्मण अवश्य ब्रिटेन और चीन के बीच सहयोग को नए मौके देगा।
(ललिता)