अमेरिका की राजकीय यात्रा से पहले चीनी राष्ट्राध्यक्ष शी चिनफिंग ने 22 सितंबर को वॉल स्ट्रीट जर्नल का लिखित इंटरव्यू स्वीकार कर चीन-अमेरिका संबंधों, एशिया-प्रशांत क्षेत्र और अन्य अंतरराष्ट्रीय मामलों में सहयोग, दोनों देशों की जनता की आवाजाही, विश्व प्रशासन व्यवस्था संपूर्ण बनाना, चीन में सुधार के विस्तार, चीन में विदेशी उद्यमों के निवेश, चीनी साइबर नीति और भ्रष्टाचार के विरोध जैसे सवालों के जवाब दिये।
विश्व प्रशासन व्यवस्था संपूर्ण बनाने के बारे में शी चिनफिंग ने कहा कि विश्व प्रशासन व्यवस्था पूरे विश्व के सहयोग से बनाई और साझा की जाती है। एक ही देश इस पर काबू नहीं कर सकता। चीन वर्तमान अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था का हिस्सेदार, निर्माणकर्ता और योगदानकर्ता है। चीन हमेशा संयुक्त राष्ट्र से केंद्रित औऱ संयुक्त राष्ट्र चार्टर पर आधारित अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था की रक्षा करता है। विश्व प्रशासन व्यवस्था को अधिक युक्तियुक्त, समुचित और प्रभावी दिशा में बढ़ाना विश्व के विभिन्न देशों की आम मांग से मेल खाता है। विश्व प्रशासन में चीन और अमेरिका के व्यापक समान हित हैं। दोनों देशों को मिलकर विश्व प्रशासन व्यवस्था के सुधार को बढ़ाना चाहिए।
चीन के दसियों साल के सहयोग को बड़े हद तक अंतरराष्ट्रीय सहयोग से लाभ मिला है। सो हमें अंतरराष्ट्रीय विकास कार्य को योगदान देना चाहिए। कई विकासशील देशों ने चीन से इस पक्ष में जबरदस्त इच्छा व्यक्त की। एशियाई आधारभूत निवेश बैंक यानी एआईआईबी की स्थापना एशियाई क्षेत्रों में बुनियादी संस्थापनों की मांग और विभिन्न एशियाई देशों के आपसी सहयोग को बढ़ाने की इच्छा पूरी करना है। एआईआईबी एक खुली और समावेशी बहुपक्षीय विकास संस्था है। चीन अमेरिका का इस संस्था में भाग लेने का स्वागत करता है।
शी चिनफिंग ने कहा कि विश्व प्रशासन व्यवस्था में सुधार विभिन्न देशों से तय करना चाहिए। संयुक्त राष्ट्र की स्थापना की 70वीं वर्षगांठ मनाने के सिलसिलेवार शिखर सम्मेलन आयोजित होने वाले हैं। चीन यूएन के व्यापक सदस्य देशों के साथ सहयोग औऱ समान विजय से केंद्रित होने वाले नयी किस्म के अंतरराष्ट्रीय संबंधों के निर्माण को बढाने को तैयार है कि ताकि विश्व प्रशासन व्यवस्था में सुधार कर समान भाग्य वाले मानव समुदाय का निर्माण किया जाए।