चीनी राष्ट्राध्यक्ष शी चिनफिंग अपनी आगामी अमेरिका यात्रा में अमेरिकी राष्ट्रपति ओबामा से मिलेंगे। इस भेंट से चीन-अमेरिका सहयोग में प्रगाढ़ता आएगी। चीनी मामलों से संबंधित प्रसिद्ध अमेरिकी विश्लेषक केंनिस लिबर्थेल ने पिछले कुछ दिनों में सवाददाताओं से यह बात कही।
लिबर्थेल ने कहा कि अंतर्राष्ट्रीय और क्षेत्रीये मुद्दों का सामना करने के लिये चीन-अमेरिका मिलकर काम कर सकते हैं, इसलिये दोनों देश द्विपक्षीय संबंधों और एक दूसरे के साझेदारी देशों के साथ रिश्ते में बदलाव कर रहे हैं। दोनों देशों के सर्वच्च नेताओं की भेंट से दोनों पक्षों के बीच कुछ मुद्दों पर गहन रूप से विचार-विमर्श करने का अवसर प्रदान दिया जाएगा। यह दोनों देशों के संबंधों के विकास के लिये अत्यंत महत्वपूर्ण है। उन्होंने आशा जतायी की इस बार की भेंट से दोनों देशों की जनता को ये संकेत मिलेगा कि हालांकि चीन और अमेरिका के बीच कुछ मतभेद मौजूद हैं, फिर भी दोनों देशों के आम हितों और अंतर्राष्ट्रीय स्तरीय लाभ के लिये दोनों सहयोग जारी रखेंगे और मतभेदों को सही रूप से नियंत्रण करेंगे।
उधर इस बार की भेंट से मिले विस्तृत परिणामों के बारे में लिबर्थेल ने बताया कि चीन और अमेरिका के आपसी विश्वास मज़बूत करने वाले ढांचे की घोषणा की संभावना है, ताकि दोनों देशों के बीच संकट पैदा होने के बाद अच्छी तरह से विचार-विमर्श और समाधान किया जा सके।
लिबर्थेल का मानना है कि दोनों देशों के बीच रणनीतिक आपसी विश्वास को मज़बूत करने और सहयोग को गहराने के लिये दोनों पक्षों को व्यापक हितों को देखते हुए वर्तमान स्थिति में एक दूसरे के विचार और निर्णय को अच्छी तरह से समझना चाहिये। उन्होंने यह सुझाव दिया है कि आपसी विश्वास मज़बूत करने के लिये ज्यादा कदम उठाये जाएंगे, जिनमें दोनों सेनाओं के बीच आवाजाही और चीन-अमेरिका द्विपक्षीय पूंजी-निवेश समझौते पर वार्ता जैसे विषय शामिल हैं।
(रमेश)