चीन सरकार के निमंत्रण पर इस वर्ष के अगस्त में ऑस्ट्रेलिया के कुछ संवाददाताओं ने चीन के तिब्बत का दौरा किया और वहां साक्षात्कार भी किया। 22 अगस्त को अख़बार द आस्ट्रेलियन के संवाददाता ग्लेंडा कोर्पोराल ने लेख जारी कर इस बारे में रिपोर्ट की।
लेख में ग्लेंदा ने कहा कि ऑस्ट्रेलिया के संवाददाताओं ने ल्हासा शहर, पोताला महल, याक संग्रहालय, तिब्बती जातीय मकान, ल्हासा बीयर फैक्ट्री आदि जगहों का दौरा किया।
उन्होंने कहा कि समुद्र सतह से 4000 मीटर ऊंचाई पर स्थित तिब्बत को विश्व की छत कहा जाता है। विदेशी लोगों की नज़र में तिब्बत एक बहुत रहस्यपूर्ण व अविकसित जगह है। लेकिन ल्हासा की तीन दिवसीय यात्रा में हम स्पष्ट रूप से यह महसूस कर सकते हैं कि ल्हासा एक आधुनिक शहर बन रहा है।
उनके अनुसार हालांकि ल्हासा पूर्व चीन के समुद्र तटीय शहरों जैसा विकसित नहीं है, लेकिन वहां हाई स्पीड मार्ग, जलाशय,अपार्टमेंट,जिम व संग्रहालय आदि उपलब्ध हैं।
ग्लेंदा के ख्याल से ल्हासा में वाणिज्य का विकास स्पष्ट रूप से भारत या नेपाल के कुछ शहरों से बेहतर है। यहां न सिर्फ़ परिवहन व्यवस्था अच्छी है, बल्कि सभी दुकानों में तिब्बती व चीनी भाषा साइन बोर्ड लगे रहते हैं।
उनके मुताबिक चीन सरकार लगातार तिब्बत में पूंजी निवेश करती है, बुनियादी सुविधाओं का निर्माण करती है, और तरह तरह की सब्सिडी भी देती है। जो तिब्बत के विकास के लिये बहुत लाभदायक है। (चंद्रिमा)