द्वितीय विश्व युद्ध की विजय की 70वीं वर्षगांठ के उपलक्ष्य में चीनी राष्ट्राध्यक्ष शी चिनफिंग ने 29 अगस्त को प्रिज़नर एमनेस्टी डील पर हस्ताक्षर किए।
इसके मुताबिक चार तरह के कैदियों को क्षमादान दिया जाएगा, जिनकी सजा 1 जनवरी 2015 से पहले सुनाई गई थी और रिहाई के बाद वे समाज के लिए खतरा नहीं बनेंगे। पहला, जापानी आक्रमण विरोधी युद्ध और चीनी जन मुक्ति युद्ध में शामिल हुए क़ैदी हैं। दूसरा, नई चीन की स्थापना के बाद राष्ट्रीय प्रभुसत्ता, सुरक्षा और प्रादेशिक अखंडता की रक्षा के लिए युद्ध में शामिल होने वाले क़ैदी हैं। हालांकि गंभीर आपराधिक मामलों में लिप्त, रिश्वत लेने व आतंकवाद व संगठित अपराध और बार-बार अपराध करने वाले इसमें शामिल नहीं होंगे। तीसरा, जिनकी उम्र 75 से ज्यादा है और शारीरिक अक्षमता के कारण वे खुद की देखभाल करने में असमर्थ हैं। और चौथा, ऐसे क़ैदी जिन्होंने 18 साल से कम उम्र में अपराध किया हो और उन्हें तीन वर्ष की सज़ा हुई है, या जिस कैदी को जेल में एक साल से कम की सजा पूरी करनी है। हालांकि हत्या, बलात्कार, आतंकवाद या नारकोटिक्स आदि अपराधों में शामिल कैदियों को नहीं छोड़ा जाएगा।
(ललिता)