वर्ष 2015 में 3 लाख से अधिक शरणार्थियों और आप्रवासियों ने भूमध्य सागर को पार किया, जबकि यूरोप पहुंचने के पहले लगभग 2500 लोगों की मौत हुई या फिर वो लापता हो गए।
संयुक्त राष्ट्र शरणार्थी मामलों के उच्चायुक्त का कार्यालय (यूएनएचसीआर) ने 28 अगस्त को इस बात की पुष्टि की।
यूएनएचसीआर ने रिपोर्ट जारी की कि वर्ष 2015 में भूमध्य सागर को अवैध रूप से पार करने वाले आप्रवासियों और शरणार्थियों की संख्या में काफी वृद्धि हुई है। इन 3 लाख शरणार्थियों और आप्रवासियों में से लगभग 2 लाख लोग ग्रीस पहुंचे, जबकि 1.1 लाख लोग इटली पहुंचे। पिछले साल भूमध्य सागर को पार लगने वाले अवैध आप्रवासियों की कुल संख्या 2.19 लाख रही।
यूएनएचसीआर ने आनुमन लगाया कि यूरोप पहुंचने के पहले लगभग 2500 लोग सागर में मारे गए या लापता हुए। इस संख्या में 27 अगस्त को दोनों फंसे आप्रवासी नाव पर मतृक और लापता लोगों की संख्या शामिल नहीं है।
स्थानीय समय के अनुसार 27 अगस्त को दो अप्रवासी नावें लीबिया के तट के पास बारी बारी से पलट गईं। इन दोनों नावों पर सवार करीब 500 शरणार्थियों में से लगभग 200 लोग लापता हुए हैं। इन लापता लोगों के बचने की संभावना बहुत कम है। अब पीडितों के शवों को बारी बारी से दिखाया जा रहा है। लीबिया के द रेड क्रीसेंट के कर्मचारी पीडितों के शवों की खोज में मदद कर रहे हैं।
26 अगस्त को लीबिया के तट के पास एक अवैध आप्रवासी नाव को बचाव देते समय बचाव कार्यकर्ताओं ने खोज कर चुकी कि इस नाव के कैबिन तल में घुटन के कारण 51 लोगों की मौत हो गयी। बचे हुए लोगों के अनुसार अवैध मानव तस्कर व्यापारियों को पैसे भेजने के बाद ये आप्रवासी नाव कैबिन से निकलकर सांस ले सकते थे। 15 अगस्त को अन्य घटना में 49 शवों को नाव कैबिन में दिखाया गया है। विषाक्त धुंए के कारण वे मारे गये हैं।
यूएनएचसीआर ने कहा कि यूरोपीय संघ ने संबंधित खोज और बचाव उपाय उठा चुके। लेकिन भूमध्य सागर अवैध शरणार्थियों और आप्रवासियों के लिये "मौत का सागर" बन गया है। आंकडों के अनुसार वर्ष 2014 भूमध्य सागर को अवैध रूस से पार करने के दौरान करीब 3500 लोग मारे गए या लापता हुए।
(हैया)