पिछले कुछ वर्षों में तिब्बत मुख्य तौर पर तिब्बती कंबल उद्योग को केंद्र बनाकर जातीय हस्त उद्योग के विकास को बढ़ावा देता है, जिससे देशी, विदेशी बाजार का विस्तार किया जा रहा है। 2000 से अधिक तिब्बती जातीय हस्त उद्योगों में तिब्बती कंबल उद्योग जातीय हस्त उद्योग की रीढ़ की हड्डी बन गया है।
तिब्बती कंबल बुनने का तरीका विशेष है। रंग-बिरंगे कंबल नरम दिखते हैं और धोने में इसका रंग फीका हीं होता। इसका लम्बे समय तक प्रयोग किया जा सकता है। इस थक्केदार तिब्बती जातीय विशेषता वाले कंबल में आर्थिक, उपयोगी और संग्रहणीय मूल्य होता है। आजकल अमरीका,जर्मनी और कनाडा के साथ यूरोपीय और अमेरिकी देशों, दक्षिण-पूर्वी एशियाई देशों और चीन के भीतरी इलाकों में तिब्बती कंबलों की मांग उसकी आपूर्ती से अधिक हैं।
बताया जाता है कि तिब्बत स्वायत्त प्रदेश का मज़दूर संघ हर साल 80 तिब्बती कंबल बुनकरों को प्रशिक्षण देने के लिए पूंजी लगाता है जिससे इस हस्त निर्मित तिब्बती कंबल का परंपरागत जातीय हस्तकला की विरासत के रूप में विकास किया जाएगा।
(शांति)