तिब्बत स्वायत्त प्रदेश के लोका प्रिफेक्चर में बसे ट्रादूक कस्बे में चौड़ी सड़क के दोनों ओर स्थित है तिब्बत में सबसे पहले स्थापित बुद्ध मंदिर ट्रादूक मंदिर, पहला महल लोंगबो ल्हाकांग महल,पहली खेती योग्य भूमि और पहली शाही प्रयोग की खेती योग्य भूमि। इन्हीं के नजदीक बसा है खसोंग गांव, जो तिब्बत में लोकतंत्र व्यवस्था शुरू करने वाला पहला गांव है।
तिब्बत में लोकतांत्रिक सुधारों से पहले खसोंग गांव भूदास मालिक सोकांग वांगछिनकले के अधीन जागीर था। इस जागीर में भूदासों और दासों को बोलने वाले गाय व घोड़ा माना जाता था, जिन्हें भारी बोझ ले जाना पड़ता था।
वर्ष 1959 में तिब्बत में युगांतरकारी लोकतांत्रिक सुधार खसोंग गांव में शुरू हुए। भूदासों ने पहली बार अपनी भूमि हासिल की। भूदास भूदास-मालिकों के साथ हस्ताक्षरित अनुबंधों को जला कर मालिक बने।
आज का खसोंग गांव पूरी तरह बदल गया है। चौड़ी सड़क, नए-नए घर और चेहरे पर खुशियों की झलक दिखाने वाले लोग...... तिब्बतमें सबसे पहले लोकतांत्रित सुधार शुरू करने वाले गांव में एक परिवर्तन के द्योतक बने।
(शांति)