चीनी तिब्बती विद्या के आदान-प्रदान प्रतिनिधिमंडल ने 25 मई को स्विट्जरलैंड की राजधानी बर्न में संबधित विद्वानों के साथ संगोष्ठी आयोजित की।
प्रतिनिधि मंडल के अध्यक्ष, चीनी सामाजिक विज्ञान अकादमी के प्रधान के सहायक हाओ शीयुआन ने कहा कि"एक पट्टी एक मार्ग"रणनीति के लागू करने और चीन में तिब्बती क्षेत्र में सीमा पार आर्थिक गलियारे के निर्माण के चलते चीन तिब्बती क्षेत्रों और नेपाल समेत कुछ देशों के साथ सीमा व्यापार और पर्यटन, संस्कृति सहयोग को आगे बढ़ाएगा। इसके साथ ही संबंधित क्षेत्रों में इतिहास, भाषा, रीति रिवाज़ और धर्म जैसे क्षेत्रों में अकादमिक अनुसंधान के लिए अधिक मांग पेश की जाएगी। चीन को आशा है कि मध्य यूरोपीय विद्वानों के साथ मिलकर सहयोग बढ़ाते हुए चीनी तिब्बती विद्या के अनुसंधान को मज़बूत करेंगे।
बर्न विश्वविद्यालय के भाषा अनुसंधान केंद्र के प्रधान जॉर्ज वान ड्रिएम ने कहा कि उन्हें तिब्बत के इतिहास और भाषा के वितरण में रूचि है। तिब्बत की भाषाओं में क्षेत्रीय विशेषता और विविधता मौजूद है। यह मूल्यवान अकादमिक संसाधन है। इसके साथ ही उन्हें तिब्बत की स्थानीय संस्कृति और प्राकृतिक दृष्य में भी बड़ी रूचि है।
(श्याओ थांग)