चीनी राष्ट्राध्यक्ष शी चिनफिंग के रूस के महान देशभक्तिपूर्ण युद्ध में विजय की 70वीं जयन्ती पर आयोजित समारोहों में भाग लेने और रूस की यात्रा करने के पहले रूसी अखबार ने चीनी राष्ट्राध्यक्ष शी चिनफिंग का रुसी इतिहास को याद कर भविष्य का निर्माण करे नामक आलेख जारी किया
आलेख में कहा गया कि दूसरे विश्व युद्ध में रूस यूरोप का मुख्य युद्ध मैदान था। रूसी जनता और अन्य जातियों के 2 करोड 70 लाख बंधुओं ने युद्ध में विजय प्राप्त करने में अपनी जान का बलिदान दिया था। उधर चीन दूसरे विश्व युद्ध में एशिया का मुख्य युद्ध मैदान था। चीनी जनता ने अदम्य भावना से अत्यंत कड़ा संघर्ष कर जापानी आक्रमण विरोधी युद्ध में विजय हासिल किया, जिसमें 3 करोड़ 50 लाख चीनी लोगों ने अपनी जान का बलिदान दिया। रूसी जनता की तरह चीनी जनता द्वारा जापानी आक्रमण विरोधी युद्ध के लिए लिखा गया ऐतिहासिक अध्याय हमेशा के लिए इतिहास में अंकित हो गया।
आलेख में कहा गया कि चीनी जनता और रूसी जनता ने फॉसिस्ट और सैन्यवाद विरोधी युद्ध में एक दूसरे का समर्थन व सहायता की और साथ-साथ लडाई लड़ी, जिससे खून और जान से युद्ध की मैत्री बनी। दोनों देशों की जनता विश्व में सभी शांति प्रिय देशों और जनता के साथ दूसरे विश्व युद्ध के इतिहास को नकारने, तोड़मरोड़ने और बदलने की कुचेष्टा का डटकर विरोध करेगी।
आलेख में कहा गया कि दूसरे विश्व युद्ध का यही सबक है कि युद्ध और मुकाबले की बजाये शांति, सहयोग और समान विजय मानव समाज की शांति, प्रगति और विकास का सदैव विष्यवस्तु है ।
आलेख में यह भी कहा गया कि आज मानव के पास पहले के किसी भी समय से शांति और विकास की ओर बढ़ने की लाभदायक शर्तें हैं। हमें सहयोग और समान विजय से केंद्रित नये मॉडल वाले अंतरराष्ट्रीय संबंधों के निर्माण की कोशिश करनी चाहिए ।