जी 20 के वित्त मंत्रियों और केन्द्रीय बैंक के महानिदेशकों की बैठक 17 अप्रैल को वाशिंगटन में संपन्न हुई। बैठक के बाद जारी विज्ञप्ति में अमेरिका की रुकावट की वजह से अन्तरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) का 2010 सुधार प्रस्ताव लागू न होने पर निराशा जताई गई।
विज्ञप्ति में कहा गया है कि आईएमएफ में शेयर और संचालन में सुधार के प्रस्ताव के महत्व के मद्देनजर जी 20 ने दोहराया कि शीघ्र ही प्रस्ताव लागू करना वर्तमान की प्राथमिकता है। जी 20 ने अमेरिका से जल्द से जल्द प्रस्ताव पारित करने का आग्रह किया।
जी 20 के वर्तमान अध्यक्ष देश तुर्की के उप प्रधानमंत्री अली बबचेन ने कहा कि दुनिया के 140 से अधिक देशों ने आईएमएफ का सुधार प्रस्ताव पारित कर दिया है। अन्तरराष्ट्रीय समुदाय ने प्रस्ताव लागू करने का मजबूद राजनीतिक इरादा जाहिर किया है। आशा है कि अमेरिका भी इसे पारित करेगा।
वैश्विक अर्थव्यवस्था में नवोदित बाजारों और विकासशील देशों का बढ़ रहा प्रभाव प्रतिबिंबित करने के लिए आईएमएफ के निदेशक मंडल ने वर्ष 2010 में शेयर और संचालन में सुधार का प्रस्ताव पारित किया था। प्रस्ताव के मुताबिक आईएमएफ का शेयर एक गुना बढ़ेगा, इसमें करीब 6 प्रतिशत शेयर नवोदित बाजारों और विकासशील देशों को दिए जाएंगे। इसके चलते चीन आईएमएफ का तीसरा बड़ा सदस्य देश बना। भारत, रूस और ब्राजील के शेयर पहले दस स्थान पर रहें। अमेरिका का मतदान अधिकार 16.75 प्रतिशत से थोड़ा कम होकर 15 फीसदी तक पहुंचेगा।
(ललिता)