मधुर तिब्बती धुनों के साथ-साथ तिब्बत स्वायत्त प्रदेश के जानांग कांउटी के मीडिल स्कूल में सौकड़ों विद्यार्थी कतार में खड़े होकर दो लड़कियों के नेतृत्व में"क्वोश्ये"नृत्य कर रहे हैं। इस समय स्कूल में पीटी (फिजिकल ट्रेनिंग) का समय है।
"क्वोश्ये"तिब्बती भाषा का शब्द है।"क्वो"का अर्थ गोल है, जबकि"श्ये"का अर्थ नृत्य। इस प्रकार का नृत्य तिब्बत के विभिन्न क्षेत्रों में लोकप्रिय है, जिसका इतिहास बहुत पुराना है। वर्ष 2006 में जानांग कांउटी के"क्वोश्ये"को तिब्बत स्वायत्त प्रदेश के गैर भौतिक सांस्कृतिक विरासत की सूचि में शामिल किया गया था।
जानकारी के अनुसार इस लोक नृत्य को विरासत में शामिल करने से उसका आगे विकास करने के लिए जानांग कांउटी ने वर्ष 2013 में ही कांउटी के विभिन्न स्कूलों में इसे पीटी का विषय बना लिया था। कांउटी के शीर्ष नेता लेई फ़ङ के अनुसार जातीय संस्कृति का विकास स्कूली विद्यार्थियों से शुरू होना चाहिए।"क्वोश्य"नृत्य तिब्बती जाति की संस्कृति ही नहीं, इसे करने से शारीरिक स्वास्थ्य भी बेहतर होता है। विद्यार्थियों के पीटी करते समय इसका अभ्यास करने से गैर भौतिक सांस्कृतिक विरासतों के प्रति उनकी समझ बढ़ेगी।
(श्याओ थांग)