संयुक्त राष्ट्र महासचिव बान कीमून ने अपने प्रवक्ता के माध्यम से एक बयान जारी कर यमन में सैन्य हस्तक्षेप करने वाले विभिन्न दलों से नागरिकों और मानवीय कामगारों की सुरक्षा सुनिश्चित करने की अपील की। यमन में संकट का समाधान करने के लिए वार्ता ही एकमात्र विकल्प है।
बयान में कहा गया कि बान कीमून ने उल्लेख किया कि यमन सरकार के अनुरोध पर सऊदी अरब ने यमन में सैन्य हस्तक्षेप शुरू करने की घोषणा की है। इसके अलावा खाड़ी अरब देशों की सहयोग परिषद (जीसीसी) के सदस्यों आदि द्वारा समर्थन दिये जाने की खबरें मिली हैं।
बयान में यह भी कहा गया कि बान कीमून ने सभी पक्षों को याद दिलाया है कि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद पहले ही 22 मार्च को यमन के राष्ट्रपति अब्दु राब्बु मान्सोर हादी की वैधता के समर्थन में एक राष्ट्रपति बयान जारी कर चुकी है। सभी दलों और सभी सदस्य देशों से यमन की एकता, संप्रभुता, स्वतंत्रता और अखंडता को क्षति पहुंचाने की किसी भी कार्यवाही से बचने की अपील की है। सुरक्षा परिषद ने सदस्य देशों से बाहरी हस्तक्षेप के संघर्ष और अस्थिरता के उकसावे से बचने की अपील की है, साथ ही राजनीतिक संक्रमण का समर्थन करना चाहिए।
बता दें कि यमन सरकार के अनुरोध पर सऊदी अरब और अन्य देशों ने 26 मार्च की जल्दी सुबह को यमन की राजधानी साना आदि क्षेत्रों पर हवाई हमले करने की योजना बनाई। उसी दिन सऊदी अरब द्वारा किये गये हवाई हमले में कम से कम 26 आम नागरिकों की जान चली गई और 50 के करीब घायल हुए।
(अखिल पाराशर)