वर्ष 2015 चीन में"एक गलियारा और एक मार्ग"वाली रणनीति व्यापक तौर पर लागू करने वाला साल है। हाल में एशिया विकास बैंक के उपाध्यक्ष चांग वनछाई ने चीन की यात्रा के दौरान कहा कि"एक गलियारा और एक मार्ग"एशिया प्रशांत क्षेत्र यहां तक कि पूरी दुनिया में वृद्धि का स्रोत बनेगा।
उन्होंने कहा कि चीन द्वारा प्रस्तुत"एक गलियारा और एक मार्ग"वाली रणनीति वस्तुगत सहयोग के दौर से गुज़र रही है। इसके तटीय देशों के बीच आपसी संपर्क और आवाजाही साकार होगा, नए व्यापारिक गलियारा, आर्थिक गलियारा पैदा होगा। जिनसे"एक गलियारा और एक मार्ग"के तटीय क्षेत्रों में विभिन्न देशों के बीच अर्थतंत्र, वित्त, गैरसरकारी आवाजाही और मानवीकी आदान प्रदान जैसे क्षेत्रों में अधिक अवसर मिलेगा। मतलब है कि इन देशों में आर्थिक वृद्धि होने के साथ-साथ अधिक बाज़ार और बेहतर बुनियादी संस्थापन मिलेंगे।
गौरतलब है कि सितम्बर और अक्तूबर 2013 में चीनी राष्ट्राध्यक्ष शी चिनफिंग ने क्रमशः"रेशम मार्ग आर्थिक गलियारा"और"21वीं समुद्री रेशम मार्ग"स्थापित करने की रणनीतिक आवधारणा पेश की। यह है"एक गलियारा और एक मार्ग"की रणनीति। इसके तटीय देश आम तौर पर नवोदित आर्थिक समुदाय और विकासशील देश हैं, जिनकी कुल जनसंख्या करीब 4 अरब 40 करोड़ है। कुल अर्थव्यवस्था 210 खरब डॉलर की है। जो विश्व में 63 और 29 प्रतिशत हिस्सा बनता है।
(श्याओ थांग)