वर्ष 2014 में तिब्बत में कम राशि वाले सीमापार व्यापार की राशि 10 अरब युआन से बढ़कर 12 अरब 17 करोड़ 40 लाख युआन दर्ज हुई है, जो तिब्बत में कुल विदेशी व्यापार राशि का 87.9 फ़ीसदी भाग बना है। तिब्बत स्वायत्त प्रदेश के वाणिज्य विभाग के प्रमुख पेनपा ने 3 फ़रवरी को इस बात की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि इस उपलब्धि का श्रेय दिन प्रति दिन विकसित हो रहे चीन-नेपाल थलीय बंदरगाहों को जाता है।
2014 के दिसंबर में चीन क्यिरोंग-नेपाल रसुवा द्विपक्षीय पोर्ट औपचारिक तौर पर खोला गया । पहले के समय में चीन-नेपाल के बीच सबसे बड़े थलीय बंदरगाह के रूप में क्यिरोंग पोर्ट में धूमधाम से व्यापारिक आवाजाही फिर से लौट आयी है।
तिब्बत में 4 हज़ार किलोमीटर लंबी सीमा पर चीन और नेपाल के बीच 3 थलीय बंदरगाह स्थापित हुए हैं, जिनमें आधारभूत संस्थापनों में आये सुधार से तिब्बत और नेपाल के व्यापार को बहुत बढ़ावा मिला है।
ल्हासा के कस्टम के आंकड़ों के अनुसार पिछले वर्ष जनवरी से नवंबर तक नेपाल के साथ तिब्बत की व्यापार राशि 10 अरब 65 करोड़ युआन तक जा पहुंची, जो तिब्बत की कुल विदेशी व्यापार राशि का 91.15 प्रतिशत भाग है। 2006 से लेकर लगातार 9 वर्षों तक नेपाल तिब्बत का सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार बना रहा है। (लिली)