27 जनवरी को ऑशविट्ज़ शिविर की मुक्ति की 70 वर्षगांठ की स्मृति दिवस मनाया गया। इजराइल के पश्चिमी गालिली क्षेत्र स्थित"यहूदी सेनानियों का हाउस संग्रहालय"में अंतर्राष्ट्रीय नरसंहार की स्मृति दिवस के दिन एक नई प्रदर्शनी का शुभारंभ हुआ। जिसका लक्ष्य है लोगों को यह बताना कि नरसंहार से सबक लेकर ऐसी ऐतिहासिक त्रासदी से बचना चाहिए। यह प्रदर्शनी पिछले दो वर्षों से आयोजित हो रही है।
इजराइल के बार-ईलान विश्वविद्यालय के प्रोफ़ेसर शमुल रेस लम्बे समय से नरसंहार के दौरान चिकित्सा संबंधी अनुसंधान में लगे हुए हैं। उन्होंने कहा कि नरसंहार का तथ्य बदला नहीं जा सकता, लेकिन लोग इससे सबक ले सकते हैं और इसतरह की त्रासदी से बचने की कोशिश कर सकते हैं।
नरसंहार के दौरान करीब 60 लाख यहूदियों के साथ साथ 10 लाख जिप्सी आदिवासी, 2 लाख 50 हजार न्यूरोपैथी लोग और विकलांग व्यक्ति, 9 हजार समलैंगिक भी मारे गये थे।
अनेक विद्यार्थी संग्रहालय में प्रदर्शनी देख रहे हैं। एक विद्यार्थी ने का कहना है कि हर साल वे प्रदर्शनी देखने आते हैं और हर बार उन्हें नई जानकारियां मिलती हैं। अगले साल विद्यार्थियों को पोलैंड में ऑशविट्ज़ शिविर देखने का मौका मिलेगा। वे लोग इस अवसर की प्रतीक्षा में हैं।
(वनिता)