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    भारतीय और अमेरिकी शीर्ष नेताओं के बीच वार्ता हुई
    2015-01-26 10:40:34 cri

    25 जनवरी को अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ नई दिल्ली में वार्ता की। दोनों नेताओं ने कहा कि भारत और अमेरिका नागरिक परमाणु ऊर्जा के सहयोग में सफलता मिली है। दोनों पक्षों ने प्रतिरक्षात्मक और व्यापारिक क्षेत्र में सहयोग मज़बूत करने का फैसला कर किया है। इस बारे में सुनिए विस्तार से एक रिपोर्ट

    ओबामा ने 25 जनवरी को नई दिल्ली पहुंचकर भारत की तीन दिवसीय राजकीय यात्रा शुरू की। उनके स्वागत के लिए नरेंद्र मोदी ने हवाई अड्डे पर उनकी अगवानी की। भारत पहुंचने के बाद ओबामा और मोदी के बीच द्विपक्षीय वार्ता हुई। मोदी ने प्रधानमंत्री भवन में ओबामा के साथ टी-टाइम का मज़ा लिया। यह गत वर्ष के सितंबर महीने में मोदी की अमेरिका यात्रा के बाद दोनों नेताओं के बीच दूसरी भेंटवार्ता है।

    3 घंटे की वार्ता के बाद मोदी ने मीडिया से कहा कि उन्होंने ओबामा के साथ गहन रूप से विचारों का व्यापाक तौर पर आदान प्रदान किया है। दोनों पक्षों के समान प्रयास से भारत और अमेरिका के बीच नागरिक ऊर्जा संधि के कार्यान्वयन में कदम और आगे बढ़ाए गये हैं। मोदी का कहना है:

    "नागरिक ऊर्जा संधि भारत और अमेरिका के बीच रणनीतिक संबंध के मूल विषय ही नही, हमारे बीच पारस्परिक विश्वास का प्रतिबिंब भी है। जिससे दोनों पक्षों के बीच नए आर्थिक अवसर पैदा हुए हैं और स्वच्छ ऊर्जा के क्षेत्र में हमारे विकल्प का विस्तार हुआ है। द्विपक्षीय संधि पर हस्ताक्षर किए जाने के छह वर्ष बाद देसी और अंतरराष्ट्रीय कानून का पालन करने के आधार पर तकनीकी और वाणिज्यिक आकलन किए जाने के बाद हम दोनों पक्ष वाणिज्यिक सहयोग की दिशा पर चल रहे हैं। इसपर मुझे बड़ी प्रसन्नता हुई।"

    वर्ष 2008 में भारत और अमेरिका के बीच नागरिक ऊर्जा सहयोग संधि पर हस्ताक्षर हुए। दोनों देश इसे द्विपक्षीय संबंधों को गहराने वाली कड़ी मानते हैं। लेकिन इसके बाद भारत में परमाणु उत्तरदायित्व से संबंधित कानून और नियमावली सामने आए। किसी भी तरह की परमाणु दुर्घटना में आपूर्तिकर्ता और ठेकेदार को बड़ी आर्थिक जिम्मेदारी उठानी चाहिए। इसने विभिन्न देशों के निवेशकों को चिंता में डाल दिया। ओबामा की मौजूदा यात्रा के दौरान दोनों देशों द्वारा संपन्न आम सहमतियों से भारत में"परमाणु दुर्घटना के मुआवज़े कानून"पर अमेरिकी चिंता दूर होगी। वर्तमान में दोनों पक्षों ने सहयोग के ठोस प्रस्ताव पेश नहीं किये हैं। लेकिन भारतीय अधिकारी के अनुसार दोनों देशों ने सहयोग से जुड़ी धाराओं को निश्चित किया है। इसकी चर्चा में अमेरिकी राष्ट्रपति ओबामा ने कहा:

    "आज हमारे बीच नागरिक ऊर्जा सहयोग को आगे बढ़ाने में प्रगति मिली है। हमने वचन दिया है कि परमाणु सहयोग संधि के सर्वांगीण कार्यान्वयन को आगे बढ़ाएंगे। यह एक बहुत महत्वपूर्ण कदम है। जाहिर है कि अमेरिका और भारत द्विपक्षीय साझेदारी संबंधों को एक नई ऊंचाई पर पहुंचाएंगे।"

    प्रतिरक्षात्कम सहयोग के क्षेत्र में भारत और अमेरिका ने फैसला किया है कि वर्ष 2005 में हस्ताक्षरित"प्रतिरक्षात्कम ढांचागत संधि"का नवीनीकरण किया जाए। नए सहयोगी ढांचे के आधार पर दोनों देश संयुक्त सैन्य अभ्यास, खुफ़िया सूचना का साझा उपभोग और समुद्री सुरक्षा सहयोग जैसे क्षेत्रों में द्विपक्षीय प्रतिरक्षात्मक संबंधों को मज़बूत करेंगे। इसके अलावा भारत और अमेरिका ने सैद्धांतिक तौर पर सहमती बनाई है कि प्रगतिशील रक्षात्मक उपकरणों का समान विकास और उत्पादन करेंगे। इसकी चर्चा में मोदी ने कहा:

    "यह भारत में प्रतिरक्षात्मक उद्योग की क्षमता बढ़ाने, देसी हथियारों के निर्माण उद्योग के पैमाने को व्यापक करने में मददगार सिद्ध होगा। इसके साथ ही भारत और अमेरिका समुन्नत प्रतिरक्षात्मक तकनीकी क्षेत्र में सहयोग करने में सक्रिय खोज करेंगे।"

    इस दिन औबामा और मोदी के बीच हुई वार्ता के मुख्य विषयों में वाणिज्यिक और व्यापारिक सहयोग, निवेश का विस्तार और जलवायु परिवर्तन का मुकाबला करना भी शामिल है। आपस में व्यापार और पूंजी निवेश जैसे क्षेत्रों में मौजूद बाधाओं को दूर करने के लिए भारत और अमेरिका ने द्विपक्षीय निवेश संधि से सबंधित वार्ता को फिर से शुरु करने का निर्णय लिया है। इसके साथ ही दोनों पक्षों ने सौर ऊर्जा तकनीक के प्रयोग में विस्तार करने और भारत के शहरों में वायु गुणवत्ता में सुधार लाने संबंधी परियोजना लागू करने को मंजूरी दी। अमेरिकी राष्ट्रपति ओबामा का कहना है:

    "जलवायु परिवर्तन के क्षेत्र में भारत का स्वर अत्यंत महत्वपूर्ण है। विश्व में दूसरे देशों की तुलना में भारत में जलवायु परिवर्तन के असर पहले से ही दिखाई देने लगे हैं, इसके साथ ही दूसरे किसी भी देश के मुकाबले भारत को जलवायु संधि की ज्यादा आवश्यकता है। अमेरिका भारत में वायु आंकलन करने के लिए अधिक आंकड़े और उपकरण मुहैया कराने को तैयार है, ताकि भारत में वायु गुणवत्ता और अधिक बढ़े।"

    क्षेत्रीय और अंतरराष्ट्रीय मुद्दों पर ओबामा ने दोहराया कि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के स्थाई सदस्य बनने में अमेरिका भारत का समर्थन करता है। दोनों पक्ष आतंक विरोधी और खुफ़िया सूचना के क्षेत्र में सहयोग मज़बूत करने पर सहमत हुए।

    गौरतलब है कि मौजूदा नई दिल्ली यात्रा अमेरिकी राष्ट्रपति बनने के बाद ओबामा की दूसरी भारत यात्रा है। मोदी सरकार स्थापित होने के बाद यह उनकी पहली भारत यात्रा भी है। 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस पर आयोजित समारोह में ओबामा मुख्य अतिथि बने।

    (श्याओ थांग)

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