एक दूसरे के सबसे बड़े पड़ोसी देशों, संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के स्थायी सदस्यों और संपूर्ण रणनीतिक साझेदारियों के रूप में चीन, रूस के अंतर्राष्ट्रीय समुदाय के साथ सुरक्षा समेत विभिन्न क्षेत्रों में सहयोग से न सिर्फ़ दोनों देशों और दोनों देशों की जनता को, बल्कि विश्व और क्षेत्रीय शांति, स्थिरता और विकास को भी लाभ मिलेगा। चीनी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता ह्वा छुन यिंग ने 27 नवंबर को पेइचिंग में यह बात कही।
कुछ मीडिया रिपोर्ट के अनुसार चीन और रूस के बीच जारी दीर्घकालीन सुरक्षा सहयोग पूर्वी नाटो की दिशा में चल रहा है। इसके चलते ह्वा ने कहा कि चीन हमेशा के लिये सैन्य समूह स्थापित करने और व्यापक करने का विरोध करता है। साथ ही चीन विश्व में विभिन्न प्रभावी क्षेत्र बांटने और विपक्षी दल बनाने का विरोध करता है और समानता, सहयोग और अनवरत सुरक्षा का अहवान करता है। चीन दूसरे देशों के साथ निरंतर शांति और समान समृद्धि से संपन्न सामंजस्यपूर्ण विश्व बनाने की आशा करता है।
ह्वा ने बल देते हुए कहा कि समान विश्वास, पारस्परिक समर्थन, समान समृद्धि और पीढ़ी दर पीढ़ी मैत्री के आधार पर बने चीन-रूस संबंध किसी तीसरे देश के लिये दुविधा का कारण नहीं बनेंगे। (लिली)