विश्व स्वास्थ्य संगठन के अधीन अंतरराष्ट्रीय कैंसर अनुसंधान केंद्र (आईएआरसी) के अध्ययन से पता चला है कि मोटापा कैंसर ग्रस्त होने का एक महत्वपूर्ण कारण है। हर वर्ष विश्व में पाये गये नये कैंसर मामलों में लगभग 5 लाख मोटापे से जुडे हैं।
इस केंद्र के शोधकर्ताओं ने मशहूर ब्रिटिशि चिकित्सक मैग्जीन द लानसेट के नवीन अंक में रिपोर्ट जारी कर कहा कि वर्ष 2002 से विश्व के विभिन्न देशों के लोगों के वजन के सूचकांक और वर्ष 2012 में कैंसर और उससे जुड़े मौत के मामलों के अध्ययन से पाया गया है कि वर्ष 2012 विश्व में नये कैंसर मामलों में 4 लाख 81 हजार मोटापे से जुडे हैं , जो कुल नये कैंसर मामलों का 3.6 प्रतिशत है।
वजन सूचकांक (बीएमआई) लोगों के वजन स्तर का मापदंड है। इसका फार्मूला ऐसा है कि किसी व्यक्ति के वजन को उस की लंबाई से भाग देकर स्क्वायर करना है। अगर किसी व्यक्ति का वजन सूचकांक 25 के ऊपर है , तो वह सामान्य वजन से अधिक हो गया है यानी वह मोटा है।
रिपोर्ट में ये भी कहा गया है कि वर्ष 1980 से विश्व में मोटे लोगों की संख्या दो गुणा हो गयी है। वयस्कों में 20 वर्ष के ऊपर 35 प्रतिशत लोगों का वजन सामान्य से अधिक हो गया है।