चीनी स्टेट काउंसिलर यांग च्ये छी ने 7 नवंबर को त्याओयूटाई राज्य अतिथिगृह में जापान के राष्ट्रीय रक्षा सचिव याची शोतारो से भेंट की।
यांग चे छी ने कहा कि चीन-जापान के बीच दीर्घकालिक, स्वस्थ और स्थिर संबंधों का विकास करना दोनों देशों के मौलिक हित में है। चीन लगातार चीन-जापान के चार राजनीतिक दस्तावेजों के आधार पर " भविष्य के उन्नमुख इतिहास से सीखने " की भावना से द्विपक्षीय संबंधों को आगे बढ़ाने का पक्षधर है। लेकिन कई कारण से चीन-जापान संबंधों की स्थिति में गंभीर कठिनाईयों का सामना करता पड़ रहा है। पिछले कुछ महीनों में दोनों पक्षों ने राजनीतिक तरीके से इस समस्या पर वार्ता की। चीन ने अपने गंभीर रुख को दोहराते हुए जापान को आधिकारिक तौर पर त्याओयू द्वीप जैसे प्रमुख संवेदनशील मुद्दों का सामना करने और चीन के साथ द्विपक्षीय संबंधों में सुधार करने का आग्रह किया।
याची के अनुसार, जापान चीन के साथ रणनीतिक संबंधों पर बड़ा ध्यान देता है। साथ ही वे समग्र स्थिति पर ध्यान केंद्रित करते हुए चीन के साथ बातचीत के माध्यम से मौजूदा मतभेद और संवेदनशील मुद्दों को संभालने के लिये तैयार है।
चीन-जापान संबंधों को सुधार करने के लिये निम्नलिखित सिद्धांत और आम आम सहमति प्राप्त हुई।
पहला, दोनों पक्ष चीन-जापान के चार राजनीतिक दस्तावेजों की संबंधिक सिद्धांत और भावना का पालन करने के साथ-साथ द्विपक्षीय रणनीतिक संबंधों को आगे बढ़ाने का वादा करते हैं।
दूसरा, "इतिहास का सामना, भविष्य का उन्मुख" वाली भावना में द्विपक्षीय संबंधों के सामने मौजूदा राजनीतिक बाधाओं पर काबू पाने के लिये कुछ आम सहमति तक पहुंचना आवश्यक है।
तीसरा, दोनों पक्षों को आभास हुआ है कि त्याओयू द्वीप और पूर्वी सागर की गंभीर स्थिति पर चीन और जापान के बीच कई मतभेद मौजूद हैं। दोनों पक्षों ने बातचीत और परामर्श के माध्यम से इस स्थिति में सुधार के लिये सहमति व्यक्त की है। साथ ही एक संकट प्रबंधन और नियंत्रण तंत्र की स्थापना कर अप्रत्याशित घटना से बचाव करने पर भी सहमति बनाई है।
चौथा, दोनों पक्षों ने द्विपक्षीय औऱ बहुपक्षीय चैनलों से राजनीतिक, राजनयिक और सुरक्षा वार्ता को पुनः आरंभ करने पर सहमति जताई। दोनों पक्ष आपसी राजनीतिक विश्वास के निर्माण में महत्वपूर्ण प्रयास करने को तैयार हैं।