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संयुक्त राष्ट्र महासभा में मोदी का संबोधन
2014-09-28 20:28:59 cri

भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 27 सितंबर संयुक्त राष्ट्र महासभा के 69वें वार्षिक अधिवेशन को संबोधित करते हुए आतंकवाद को लेकर वैश्विक प्रयासों की गंभीरता पर सवालिया निशान खड़ा किया। उन्होंने विश्व समुदाय का अंतर्राष्ट्रीय आतंकवाद पर एक व्यापक संधि (सीसीआईटी) लाने का आह्वान करते हुये अपील की कि वे आतंकवाद के खिलाफ अपने मतभेद भूल कर अधिक संगठित एवं समन्वित प्रयास करें।

प्रधानमंत्री बनने के बाद मोदी ने पहली बार संयुक्त राष्ट्र महासभा में भाषण दिया। उन्होंने कहा कि भारत पश्चिम एशिया में पनप रहे आतंकवाद से लड़ने के लिए अमेरिका आदि पश्चिमी देशों का समर्थन करता है।

मोदी ने कहा कि उनके नेतृत्व वाली सरकार पड़ोसी देशों के साथ बेहतर और मजबूत संबंध बनाने को महत्व देती है। भारत के विकास के लिए शांतिपूर्ण व स्थिर सीमा वातावरण की जरूरत है। भारत व पाकिस्तान की सीमा समस्या के बारे में मोदी ने कहा कि यह दोनों देशों का मामला है, जिसका समाधान संयुक्त राष्ट्र ढांचे में किये जाने की आवश्यकता नहीं है। उन्होंने कहा कि भारत पाकिस्तान के साथ वार्ता करने की इच्छा रखता है, लेकिन पूर्व-शर्त है कि आतंकवाद की छाया के बिना शांतिपूर्ण माहौल में हो।

इसके अलावा मोदी ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र संघ को सुधार करना चाहिए। माना जाता है कि उन्होंने इस मौके पर सुरक्षा परिषद के स्थायी सदस्य देशों में भारत की भागीदारी के लिए तैयारी की। मोदी ने संयुक्त राष्ट्र संघ को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस स्थापित करने का सुझाव दिया, ताकि भारत की संस्कृति का प्रचार-प्रसार किया जा सके। साथ ही चीन-भारत संबंध भारतीय नयी सरकार की विदेश नीतियों में प्राथमिक स्थान पर है। (मीनू)

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