तिब्बत स्वायत्त प्रदेश के स्वास्थ्य ब्यूरो से मिली खबर के अनुसार चीन के भीतरी क्षेत्र के विभिन्न प्रांतों व शहरों की सहायता व समर्थन से पिछले 20 सालों में मोतियाबिन्द पीड़ित 30 हज़ार से अधिक तिब्बतियों का मुफ्त इलाज किया गया। इस तरह वे फिर से रोशनीदार दुनिया में वापस लौट आए। इन मोतियाबिन्द के मरीजों का इलाज ज्यादा तौर पर तिब्बत की सहायता के लिए भीतरी प्रांतों व शहरों से आए डॉक्टरों ने किया। कुछ मरीज़ों का उपचार भीतरी प्रांतों व शहरों में स्थित अस्पतालों में किया गया।
"मैं तिब्बत की सहायता करने वाले कर्मचारियों का आभारी हूँ। उनकी वजह से मुझे नया जीवन मिला है। अब मैं खुद अपनी गायों का पालन कर सकता हूँ।"यह कहना तिब्बत स्वायत्त प्रदेश की नाछुय कांउटी के देची जिले में रहने वाले 68 वर्षीय बुजुर्ग वांगछिंग का है। मोतियाबिन्द के कारण अंधेरे में फंसे हुए वांगछिंग का इलाज गत जून माह में किया गया। अब वह अपने पर निर्भर होकर जीवन बिता सकता है।
गौरतलब है कि"विश्व की छत"के नाम से मशहूर छिंगहाई तिब्बत पठार समुद्र तल से बहुत ऊंचाई पर स्थित है, जहां वायु कम होती है और यूवी रोशनी बहुत तेज़ होती है। इस तरह अधिक किसान और चरवाहे विभिन्न प्रकार वाले नेत्र रोगों से पीड़ित हैं, जिन में मोतियाबिन्द के मरीजों की संख्या सबसे ज्यादा है। नेत्र रोग से उनके जीवन उत्पादन में बड़ा असर पड़ता है।
(श्याओ थांग)