डेढ़ दिनों तक चले "2014 चीन तिब्बत विकास मंच" का 13 अगस्त को ल्हासा में समापन हुआ। इसमें सैकड़ों देसी-विदेशी विशेषज्ञों, विद्वानों और राजनीतिज्ञों ने तिब्बत के विकास, चुनौती व विकल्प जैसे मुद्दों पर विचार विमर्श किया और ल्हासा सहमति बनाई ।
आयरलैंड के संसद विदेश राजनीति व व्यापार संयुक्त कमेटी के अध्यक्ष पैट ब्रीन ने सुझाव पेश किया कि आयरलैंड के विकास अनुभव के अनुसार आधुनिक कृषि व पर्यटन उद्योग अच्छा विकल्प होगा। ऑस्ट्रेलिया से आए प्रतिनिधि पीटर विटमेन ने कहा कि पारिस्थितिकी संरक्षण आर्थिक विकास से अलग नहीं रह सकता है। तिब्बत में उचित उद्योग की खोज करना बहुत जरूरी है। तिब्बत के आर्थिक विकास व वातावरण संरक्षण का अच्छी तरह संतुलन किया जाना चाहिए।
तिब्बती विद्य लोसांग ने भी सुझाव पेश किया कि तिब्बत में पारिस्थितिकी अर्थतंत्र का विकास किया जाना चाहिए। मिसाल के तौर पर पारिस्थितिकी पर्यटन, विशेष पशु-पालन उद्योग, पारिस्थितिकी कृषि, तिब्बती औषधि उद्योग और जातीय दस्तकारी उद्योग इत्यादि।
ल्हासा सहमति में देसी-विदेशी प्रतिनिधियों ने तिब्बत के अनवरत विकास का समर्थन किया और कहा कि यह न केवल तिब्बत के दीर्घकालीन विकास के लिए लाभदायक है बल्कि विश्व के अनेक देशों व क्षेत्रों के विकास में भी मददगार सिद्ध होगा।
(श्याओयांग)