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तिब्बती थांगका चित्र कला की प्रदर्शनी 7 जनवरी को राजधानी पेइचिंग में उद्घाटित हुई जो तिब्बती पठार की पारंपरिक संस्कृति से दर्शकों को आकर्षित किया जा रहा है ।
प्राप्त जानकारी के अनुसार इस प्रदर्शनी में तिब्बती कलाकारों की श्रेष्ठ रचनाओं व चित्रों की प्रदर्शनी हैं । उनमें तिब्बत के विभिन्न समुदायों की रचनाएं शामिल हैं और तिब्बत के वरिष्ठ और युवा कलाकारों ने सभी अपनी थांगका चित्रों को लेकर इस प्रदर्शनी में शामिल किया है ।
थांगका को तिब्बत में विशेष चित्र कला माना जाता है । इसे तिब्बती संस्कृति का विश्वकोश और पारंपरिक संस्कृति व कला का मूल्यवान गैर-भौतिक विरासत कहा जाता है ।
इधर के वर्षों में सरकार ने थांगका, तिब्बती ओपेरा और गेसार महाकाव्य आदि पारंपरिक संस्कृति के संरक्षण में पूरी शक्ति झोंक दी है ।
( हूमिन )
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