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ट्रादूक मठ का कल और आज
2015-09-02 14:15:41 cri

ट्रादूक मठ के मठाधीश मिमा त्सरिंग

 

एक चीनी कहावत है"गुणवत्ता ग्राहकों को सुनिश्चित करता है" यानि किसी भी अच्छी चीज़ को उपेक्षा का भय नहीं है। आज लोग समय के खर्च और यात्रा के अनुभव पर ध्यान देते हैं। इसी वजह से सुविधापूर्ण यातायात और सुधार हुए पर्यावरण से अधिक से अधिक पर्यटकों को आकर्षित कर सकेंगे। यातायात और उसके आसपास के पर्यावरण में सुधार के चलते ट्रादूक मठ की बार-बार मरम्मत करने तथा संरक्षण करने के बाद अधिकाधिक पर्यटकों को आकर्षित किया जा रहा है। ट्रादूक मठ के मठाधीश मिमा त्सरिंग मठ में भिक्षुओं के गुण में सुधार बढ़ाना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि उनके लिए सबसे खेद की बात है कि मठ आने के समय उनका शिक्षा स्तर जैसे पहलूओं का आधार कमजोर था। अभी भी उनके सामने कई समस्याएं मौजूद हैं। इसलिए भविष्य में नये भर्ती होने वाले भिक्षुओं की शिक्षा पर बल देंगे। मिमा त्सरिंग ने कहा:"अब मठ में काफ़ी बदलाव आया है। बाद में हम नए भर्ती होने वाले भिक्षुओं से अनुरोध करेंगे कि वे 18 उम्र से अधिक यानी अनिवार्य शिक्षा लेने के बाद ही इच्छानुसार मठ में भाग ले सकते हैं। इस तरह हम बेहतर रूप से नए भिक्षुओं के विचार तथा संस्कृति के बारे में शिक्षा को मजबूत कर सकेंगे। इसी वजह से समाज में तथा लोगों के मन में भिक्षुओं की प्रतिष्ठा बढ़ सकेगी, साथ ही उनकी सेवा बेहतर होगी।"

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