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समुद्र की सतह से 4545 मीटर की ऊंचाई पर स्थित नाथुला दर्रा तिब्बत स्वायत्त प्रदेश के शिकाज़े क्षेत्र के अधीन यातोंग कांउटी पर स्थित है। जो चीन के तिब्बत और भारत के सीमांत क्षेत्र में बसा हुआ है। तिब्बती भाषा में"नाथुला"का अर्थ है"हवा और बर्फ़ बहुत तेज़ स्थल"। नाथुला चीन और भारत के बीच थलीय व्यापार के लिए सबसे कम दूरी वाला रास्ता है। इतिहास में नाथुला दर्रे के जरिए चीन-भारत व्यापारिक मार्ग"प्राचीन चाय घोड़ा मार्ग"का एक हिस्सा था।
6 जुलाई वर्ष 2006 को चीन और भारत ने नाथुला दर्रा सीमावर्ती व्यापारिक बंदरगाह को फिर से खोलने की घोषणा की, तो दोनों देशों के बीच सीमा विवाद की वजह से 40 सालों तक बंद रहा यह रास्ता एक बार फिर खोला गया। हाल ही में हमारे संवाददाता ने नाथुला दर्रे का दौरा किया। वहां उनकी मुलाकात सीमावर्ती चीनी और भारतीय व्यापारियों से हुई।
फिर से खोले गए नाथुला दर्रे ने चीन और भारत के बीच सीमावर्ती व्यापार बढ़ाने और दोनों देशों की जनता को लाभ पहुंचाने में अहम भूमिका निभाई। इसके बारे में नाइतोंग कांउटी के वाणिज्य मामला ब्यूरो के प्रधान पा वांग के पास गहरा अनुभव है। उन्होंने कहा:
"वर्ष 2006 में इसे पुनः खोले जाने के वक्त सीमवर्ती व्यापार करने वाले व्यापारियों की संख्या कम थी। उस समय यहां व्यापारिक आयात निर्यात की राशि सिर्फ़ 15 लाख युआन के करीब थी। लेकिन हाल के वर्षों में दोनों देशों के बीच व्यापारिक आयात निर्यात की राशि साल दर साल बढ़ रही है। वर्ष 2014 तक यहां कुल व्यापारिक राशि 10 करोड़ युआन तक पहुंच गई। दोनों देशों के सीमावर्ती नागरिकों ने यातोंग सीमावर्ती बाज़ार के जरिए बहुत सारे पैसे कमाए। तब से वे व्यापार में सक्रिय हैं।"
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