दक्षिणी चीन में ऐसी इमारतों का पता लगाया जाता है, जिन की दीवारें मिट्टी से बनायी गयी। वहां की ऐसी इमारतों में ज्यादातर हाका लोग रहते हैं।
परम्परागत कच्ची इमारतों की आकृत्ति आम तौर पर चक्करदार, वर्गकार, अर्द्ध चक्करदार, दीर्घवृत्तीय और पंचभुज है। चक्करदार इमारत हाका लोगों ने आत्मरक्षा के लिए बनाई। इस की बाहरी दीवार की मौताई एक मीटर से ज्यादा है, कभी कभी इस इमारत में दो या तीन चक्कर पाया जाता है। इमारत दो चार मंजीलों के बीच है। इमारत के बीचोंबीच एक भीमकाय आंगन पाया जाता है। वहां कुएं भी हैं। किले के काम में लाने वाली इमारत का सिर्फ एक फाटक है। इमारत के ग्राउंड में रसोईघर व सार्वजनिक भोजनालय है, इन में कोई बाहरी खिड़कियां नहीं है। पहली मंजील पर अनाज व ओजार का भंडार है। दूसरी मंजील पर बेड रूम रखे हैं।
इमारत की दीवारे हालांकि मिट्टी से बनी है, पर वह बेहद मजबूत है, इस लिए दीवारें इमारत का भारी वजन उठा सकती हैं। इमारत में एक बड़ा परिवार के लोग रहते हैं। चित्र में जो इमारत है, उस में सब विशेषताएं दिखाई देती है।