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चीन में कागजी मूर्ति कला का आरम्भ यज्ञ व विश्वान की रीति रिवाज और लोगों की आत्मिक आवश्यकता की पूर्ति से किया गया। इस में कागज बांधना, कागज काटना, मिट्टी मूर्ति और रंगीन चित्र माशिल है।
कागजी मूर्ति कला में भगवानों की मूर्तियां, व्यक्तियों की मूर्तियां, इमारतें और बरतन शामिल हैं। ये सब किसी गुजर गए व्यक्ति की समाधि को श्रद्धांजलि अर्पित करने के लिए है।
चित्र में जो दो कागजी मूर्तियां हैं, उन में से एक बहादुर सेनापति है और दूसरा तो नलकूबर है। वह लाल पोशाक व कमल के कपले में पहनता दिखाई देती है।
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