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बौद्धमत के चार बौद्धिसत्वों में अवलोकितेश्वर भी शामिल है। चीन में इस की पूजा सब से प्रचलित है। वह ऐसा देवता है कि उन से बौद्धमत को लोकविश्वास से जुड़ा है।
बौद्धमत के सूत्रों में माना जाता है कि बुद्ध व बौद्धसत्व की ऐसी अवस्था है, जो न बीवित न मृत और उन का लिंग न पुरूष न स्त्री। उन का लिंग अलग लोगों की आवश्यकता के अनुसार बदल सकता है। प्राचीन चीन के थांग राजवंश काल से अवलोकितेश्वर का लिंग स्त्री बना। तत्काल में आम लोगों का मानना था कि उन की पूजा से सुख मिलेगा, बच्चा मिलेगा और विपदा को दूर किया जाएगा, इस लिए उन के अनुयाइयों में महिलाएं बहुत हैं।
चित्र में जो अवलोकितेश्वर है, उन के पास चार नौकरी हैं। चित्र लकड़ी के बलाक से मुद्रित है।
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